ये होगा फायदा राष्ट्रीय डिजिटल दूरसंचार नीति सभी के लिए ब्राडबैंड का प्रावधान करने, 40 लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा करने और इस क्षेत्र का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में योगदान बढ़ाकर आठ फीसदी करने पर केंद्रित है, जो साल 2017 में करीब छह फीसदी था। दूरसंचार आयोग ने भारतीय दूरसंचार प्राधिकरण द्वारा नेट निरपेक्षता पर दी गई सिफारिशों को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। क्षेत्र के नियामक ने मुफ्त और खुले इंटरनेट के सिद्धांतों का समर्थन किया था, कंटेट के भेदभावकारी प्रबंध पर रोक लगा दी थी।
ये पड़ेगा असर दूरसंचार आयोग की ओर से नेट न्यूट्रैलिटी को मंजूरी देने मिलने के बाद कंपनियां इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकती हैं। एेसा करने पर सरकार की ओर से भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। आयोग की मंजूरी के बाद मोबाइल ऑपरेटर्स, इंटरनेट प्रवाइडर्स और सोशल मीडिया कंपनियां इंटरनेट पर कंटेट और स्पीड के मामले में पक्षपात नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा कंपनियां अब एेसा प्लेटफॉर्म भी नहीं बना सकतीं, जहां पर कुछ ही सर्विस और वेबसाइट देखी जा सकती हैं। आयोग के इस कदम के बाद अब कोई भी ऑपरेटर या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर अपना एकाधिकार नहीं जमा सकता है।
क्या है नेट न्यूट्रैलिटी नेट न्यूट्रैलिटी का मतलब है कि अब कंपनियों को बिना किसी शर्त इंटरनेट सर्विस देनी होगी। उदाहरण के लिए जैसे आप अपने मोबाइल से सभी कॉल कर सकते हैं, ठीक उसी प्रकार से इंटरनेट प्रोवाइडरों को आपको बिना भेदभाव इंटरनेस सेवा देनी होगी। अब कोई भी सर्विस प्रोवाइडर किसी खास वेबसाइट के लिए आपसे चार्ज की मांग नहीं कर सकता है।