Published: Jul 12, 2018 08:44:43 am
Saurabh Sharma
हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बुधवार को कहा कि हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत प्रति व्यक्ति राजस्व संग्रह में शीर्ष स्थान पर आ गया है।
हरियाणा ने किया दावा जीएसटी के तहत प्रति व्यक्ति राजस्व संग्रह में प्रदेश अव्वल
नर्इ दिल्ली। जीएसटी को लेकर देश के सभी राज्य काफी गंभीर हो गए हैं। हर कोर्इ राजस्व को लेकर गंभीर है। जीएसटी राजस्व संग्रह में अववल आकर प्रधानमंत्री की नजरों में स्थान पाना चाहता है। एेसे में हर कोर्इ अपनी उपलब्धियों को बढ़ा चढ़ाकर बताने में जुटा हुआ है। इस बार हरियाणा के वित्त मंत्री ने विधानसभा में डाटा सामने रखकर जीएसटी में प्रति व्यक्ति संग्रह के मामले में पहला स्थान होने का दावा किया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर उन्होंने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा है।
हरियाणा के नंबर वन होने का दावा
हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बुधवार को कहा कि हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत प्रति व्यक्ति राजस्व संग्रह में शीर्ष स्थान पर आ गया है। वहीं कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा ई-वे बिल बनाने के मामले में हरियाणा का स्थान चौथा है। वैसे उन्होंने बाकी राज्यों के आंकड़ों को बिल्कुल भी सामने नहीं रखा।
ये आंकड़े किए पेश
उन्होंने कहा कि राज्य में कर आधार बढ़कर 82.22 फीसदी हो गया है और राजस्व संग्रह में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है। मंत्री ने कहा, “वर्ष 2017-18 में जीएसटी के तहत औसत कर संग्रह 1,505.93 करोड़ रुपए हुआ जो 2018-19 की पहली तिमाही में बढ़कर 1,804.96 करोड़ रुपए हो गया। इस प्रकार सालाना कर संग्रह में 19.85 फीसदी का इजाफा हुआ।”
अब सभी राज्य कर सकते हैं खुलासा
हरियाणा के बाद अब बाकी राज्य भी जीएसटी संग्रह को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश कर सकते हैं। जिसके बाद सबसे कर संग्रह एकत्र करने के दावों की होड़ शुरू हो जाएगी। अपको बता दें कि केंद्र सरकार ने एक जुलार्इ को जीएसटी दिवस के मौके पर एक साल रिपोर्ट की पेश की थी। केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी व्यवस्था लागू होने के पहले साल 2017-18 में सरकार को कुल 7.41 लाख करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई। इस लिहाज से जुलाई से लेकर मार्च तक के 9 माह में औसत जीएसटी प्राप्ति 89,885 करोड़ रुपये रही। इस वित्त वर्ष में अप्रैल में जीएसटी संग्रह 1.03 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, इसके बाद मई में यह 94,106 करोड रुपये और जून में 95,610 करोड़ रुपये रहा।