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इन सेक्टर्स को कोरोना से बचाने के लिए सरकार ने खोली तिजोरी

इलेक्ट्रॉनिक्स सेग्मेंट को बूस्ट करने को 40,995 करोड़ रुपए देगी सरकार
सरकार ने बल्क ड्रग्स के घरेलू विनिर्माण के लिए 14 हजार करोड़ का दिया पैकेज

नई दिल्लीMar 22, 2020 / 09:26 am

Saurabh Sharma

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Government opened the vault to protect these sectors from Coronavirus

नई दिल्ली। कोरोना वायरस का प्रकोप इतना बढ़ चुका है कि इसका असर अब देश के कई सेक्टर्स में देखने को मिल रहा है। फार्मा सेक्टर इस समस्या से कई दिनों से जूझ रहा है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है। जिसकी वजह से देश की इकोनॉमी भी चरमरा गई है। ऐसे में सरकार इन दोनों सेक्टर को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए अपने खजाने खोल दिए हैं और हजारों करोड़ रुपयों का राहत पैकेज देने का ऐलान किया है। आइए आपको भी बताते हैं कि फार्मा और इलेक्ट्रोनिक सेक्टर को कितना-कितना राहत पैकेज देने की घोषणा की गई है।

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इलेक्ट्रोनिक्स सेक्टर को मिले 40,995 करोड़ रुपए
सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, सेमीकंडक्टर और मोबाइल सेगमेंट विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए बड़े फैसले किए।
इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट एंड सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक मेनुफैक्चरिंग कलस्टर्स 2.0 को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम योजना को मंजूरी दी।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए तीन स्कीम के तहत फंड तय किए गए हैं।
पहली स्कीम के तहत भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव दिए जाएंगे। जिसमें सरकार ने 40,995 करोड़ रुपये का फंड रखा है।
दूसरी स्कीम इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट व सेमीकंडक्टर के मैन्युफैक्चरिंग प्रोत्साहन में सरकार 3285 करोड़ रुपये की सहायता देगी।
कंपोनेंट व सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए जो पूंजीगत निवेश होगा, उस पर सरकार 25 फीसदी की वित्तीय सहायता देगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग की तीसरी स्कीम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण होगा। जिसमें एक बड़ी कंपनी होगी और बाकी की छोटी-छोटी कंपनियां होंगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण में 3762 करोड़ रुपए देने का ऐलान हुआ है।

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फार्मा सेक्टर को बूस्ट करने के लिए 14 हजार करोड़ रुपए का ऐलान
ड्रग एवं दवाओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 14,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है।
देश में मौजूद सक्रिय फार्मास्युटिकल कंपोनेंट्स यानी एपीआई के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। इस फैसले से देश की चीन से आयात निर्भरता भी कम हो सकती है।
कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, बल्क ड्रग्स और एपीआई के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चार योजनाओं की शुरुआत की जाएगी।
पहली योजना में सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का बजट प्रदान किया है, जो राज्यों में थोक दवाओं को उपलब्ध कराने में मदद करेगा। राज्य सरकारें ऐसे पार्को के लिए 1000 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएंगी।
बल्क ड्रग प्रोत्साहन योजना 6,940 करोड़ रुपए के कुल बजट के साथ चलाई जाएगी। यह योजना चार वर्षो की अवधि के लिए थोक दवा इकाइयों वाले निवेशकों को उत्पादन लागत पर 20 फीसदी प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
पांचवें वर्ष में प्रोत्साहन 15 फीसदी और छठे वर्ष से पांच फीसदी होगा।
– देश में मेडिकल डिवाइस पार्क को राज्यों के साथ मिलकर प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्यों को हर पार्क के लिए अनुदान के रूप में अधिकतम 100 करोड़ रुपए मिलेंगे।
कंपनियों द्वारा चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए 3,420 करोड़ रुपए का बजट भी निर्धारित हुआ है। घरेलू विनिर्माण के लिए सभी 53 एपीआई की पहचान की गई है।

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