नाथूलाल ने बताया कि उनकी पत्नी गोमती को 300 रुपए वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी। जिससे वे घर चलाते थे। लेकिन पिछले दो वर्ष से वो पेंशन भी नहीं मिल रही है। उन्हें खुद आज तक शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। कार्य करने में अक्षम होने के कारण उन्हें मजबूरी में भीख मांगना पड़ती है। कभी रामायण मंदिर, तो कभी मेले, तो कभी नर्मदा घाटों पर वे दोनों भीख मांगते हैं।