अबकी बार यानी क्रिसम से न्यू ईयर तक आतिशबाजी न करने के लिए नागरिक उपभोक्ता मंच ने भी कमर कस ली है। मंच ने कहा है कि एनजीटी के आदेश का पालन न करने पर अवमानना याचिका दायर की जाएगी। बता दें कि एनजीटी ने पिछले दिनों अपने आदेश में साफ कर दिया था कि जिन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब है, वहां पटाखों के क्रय-विक्रय, संग्रह, उपयोग पर पूर्णतया प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। राज्यों के मुख्य सचिवों को दिशा निर्देश जारी करते हुए उसे सभी जिला कलेक्टर को भेजने और कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
ये भी पढें- Christmas Eve 2020 पर नहीं होगी चर्च में धूमधाम, लगी कोरोना की नजर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांत अध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे, समाजसेवी रजत भार्गव व अधिवक्ता प्रभात यादव ने जबलपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से ऊपर यानी बेहद खराब की श्रेणी में आने के चलते कोर्ट से पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। डॉ.नाजपांडे ने एनजीटी के आदेश के साथ ही बिना देर किए मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को ई-मेल भेज दिया है। इसके जरिये जबलपुर जैसे बदतर एयर क्वालिटी इंडेक्स वाले शहर में पटाखों का संग्रह, विक्रय व प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित किए जाने पर बल दिया गया है।
मुख्य सचिव से निवेदन किया गया है कि वे इस संबंध में जबलपुर कलेक्टर को निर्देश जारी करें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो एनजीटी की अवमानना मानी जाएगी, जिसके खिलाफ एनजीटी में अवमानना याचिका दायर की जाएगी। मंच ने एनजीटी में दायर जनहित याचिका में साफ किया था कि इस बार की क्रिसमस व न्यू ईयर बिना शोर-शराबे के मनाए जाएं। यदि ऐसा न हुआ तो कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में ठोस कदम आवश्यक है। लापरवाही घातक होगी। कोरोना वातावरण में प्रदूषण से भी फैलता है, यह ध्यान रखा जाए।