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donald trump daughter ivanka का थ्री-सी फॉर्मूला लेडीज को भाया, सभी ने माना इससे बीमन आंट्रप्रिन्योरशिप में मिलेगी सफलता

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की सलाहकार बेटी के फॉर्मूले को शहर की महिलाएं भी मान रहीं बेहतर

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Ivanka Trump

Global Entrepreneur Summit-2017 ivanka popular quote for entrepreneur

जबलपुर। ग्लोबल आंट्रप्रिन्योर समिट- 2017 में अमेरिका के राष्ट्रपति की बेटी इवांका ने कुछ ऐसी बातें कही जिससे महिलाएं उनकी फैन हो गई। इस समिट में इवांका ने कहा कि यदि महिलाएं बिजनेस में बराबरी का काम करें तो देश का विकास निश्चित है। इसके साथ ही उन्होंने वीमन आंट्रप्रिन्योरशिप के लिए 'तीन-सीÓ पर जोर दिया। 'कैपिटल, कॉन्फिडेंस और केपेबिलिटीÓ के जरिए महिला उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सकता है। इवांका के मोटिवेशनल से भरी बातों ने शहर की महिलाओं को प्रभावित किया। बिजनेस, मैनेजमेंट और स्वरोजगार से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि वाकई इसे अपनाकर विकास की राह आसान की जा सकती है।
केपेबिलिटीज जरूरी
विजन ग्रुप की डायरेक्टर श्वेता विजन के अनुसार महिलाओं में आत्मविश्वास और हुनर बहुत जरूरी है। पूंजी के साथ-साथ कॉन्फिडेंस और केपेबिलिटीज होनी चाहिए, वरना आप पिछड़ सकती हैं। मैं बिजनेस को आगे बढ़ा रही हूं और इसमें कई एेसी चीजें भी शामिल कर रही हूं, जो सोसाइटी के लिए बेनिफिशियल होने के साथ-साथ बिजनेस को भी बढ़ाने के लिए मददगार है।
महिलाएं होंगी मोटिवेट
रक्षा इंटरनेशनल की डायरेक्टर रक्षा सोनी के अनुसार महिलाएं आधी आबादी हैं। वे ये सोचकर काम करें कि वह अपने परिवार, समाज और देश के लिए काम कर रही हैं। इवांका की बात निश्चित ही महिलाओं को काम करने के लिए मोटिवेशन का काम करेगी। कई महिलाएं हैं, जो काम तो कर रही हैं, लेकिन आत्मविश्वासी न होने की वो सफलता नहीं पा रही हैं।
आर्थिक विकास में मदद
यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की डॉ. रजनी शर्मा के अनुसार इवांका ने वीमन आंट्रप्रिन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए पूंजी, क्षमता और आत्मविश्वास पर ध्यान केन्द्रित करने की बात कही है। इसके साथ ही वर्कफोर्स में जेंडर गैप करने की बात कही है। अगर एेसा होता है तो वाकई में बिजनेस के क्षेत्र में महिलाएं कदम बढ़ाएंगी। इसके साथ ही देश के आर्थिक विकास में बराबरी की मदद होगी।
छात्राओं ने अपनाया स्वरोजगार
प्रोफेसर सुलेखा मिश्रा के अनुसार स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ योजनाआें के तहत कॉलेज में छात्राओं को प्रशिक्षण दिए जाते हैं। इससे प्रेरित होकर छात्राओं ने स्वरोजगार अपनाया भी है। आधी आबादी की बात की जाए तो अभी भी प्रतिशत उस लेवल तक नहीं पहुंचा है। इसे और तभी बढ़ाया जा सकता है, जबकि महिलाएं उद्यमी बनने का जोखिम उठाएं।