
Madhya Pradesh High Court
जबलपुर. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि नौ जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगने तक निजी जांच कराने वाले मरीजों से कम से कम कितना शुल्क लिया जाएगा? चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा। अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
एनएसयूआई के कटनी जिलाध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा की ओर से याचिका दायर कर अधिवक्ता यश सोनी ने तर्क दिया कि कटनी के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए 2017 में टेंडर निकाला गया था। मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एंड सीटी स्कैन कंपनी को फरवरी 2019 तक जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगानी थी। लेकिन, अभी तक नहीं लगाई गई। मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एंड सीटी स्कैन कंपनी को कटनी के साथ ही मंडला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने कहीं भी मशीन नहीं लगाई।
गत सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी जानकारी मांगी थी कि नौ जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगने तक कितना रेट लिया जाएगा? जबकि, स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने शपथ-पत्र दायर कहा था कि अप्रैल 2021 तक सभी नौ जिलों में सीटी स्कैन मशीन लग जाएगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रायवेट में सीटी स्कैन कराने वालों के लिए पांच हजार रुपए का पैकेज निर्धारित किया गया गया। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से दोबारा पूछा कि सीटी स्कैन मशीन लगने तक निजी जांच कराने वालों से कितना शुल्क लिया जाएगा?
Published on:
01 Feb 2021 09:16 pm
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