
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
patrika.com
जबलपुर . मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत 7 हजार मेडिकल स्टूडेंट की परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हो पाया है। इनमें बैचलर इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (बीएमएलटी) की मुख्य परीक्षा देने वाले सबसे ज्यादा स्टूडेंट हैं। उनके अलावा बैचलर इन फिजियोथैरेपी (बीपीटी) व डिप्लोमा इन लैब टेक्नोलॉजी (डीएमएलटी) के छात्रों की सप्लीमेंट्री परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन किया जाना है। पैरामेडिकल स्टूडेंट परेशान हैं। उनका कहना है कि रिजल्ट जारी किया जाए, जिससे उन्हें अगली परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिल सके।
पैरामेडिकल स्टूडेंट की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए एमयू का परीक्षा विभाग अब मूल्यांकनकर्ताओं के फोन घनघना रहा है। पिछले मूल्यांकन के मानदेय भुगतान के लिए उनसे एमयू के पोर्टल में बैंक डिटेल और पेन नंबर मांगा जा रहा है। अभी सवा पांच सौ मूल्यांकनकर्ताओं को पिछले मूल्यांकन के मानदेय का भुगतान किया जाना है। प्रथम वर्ष से तृतीय वर्ष तक के स्टूडेंट की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए एमयू प्रशासन प्रति कॉपी फैकल्टी को 50 से 100 रुपए तक का भुगतान करता है। वहीं मास्टर्स के स्टूडेंट की कॉपियों के मूल्यांकन में प्रति कॉपी 150 रुपये तक भुगतान किया जाता है।
एमयू प्रशासन पैरामेडिकल स्टूडेंट्स की कॉपियों के मूल्यांकन में देरी के पीछे मौजूदा साफ्टवेयर कंपनी को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस कंपनी को बदलने की कवायद भी शुरू हो गई है।
वर्जन
कुछ पैरामेडिकल कोर्स के स्टूडेंट्स की परीक्षा कॉपियों के मूल्यांकन नहीं हो सका है। मूल्यांकनकर्ताओं को उनके पिछले मूल्यांकन के मानदेय के भुगतान के लिए आवश्यक डिटेल जुटाई जा रही है।
डॉ. सचिन कुचिया, परीक्षा नियंत्रक, मेडिकल यूनिवर्सिटी
Published on:
29 Dec 2022 10:58 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
