प्रमुख चौराहों में निगम प्रशासन अपने ही खोले लेट टर्न भूल गया है। ज्यादातर चौराहों के लेटटर्न खाली नहीं मिलते।
Left turns : शहर में यातायात सुगम बनाने के लिए 10 चौराहों के लेट टर्न खोले गए। नगर निगम प्रशासन ने किसी जंक्शन को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए बुलडोजर चलाया, तो कहीं जमीन अधिग्रहण करने के लिए बड़ी मुआवजा राशि दी। लेकिन, प्रमुख चौराहों में निगम प्रशासन अपने ही खोले लेट टर्न भूल गया है। ज्यादातर चौराहों के लेटटर्न खाली नहीं मिलते।
छोटी लाइन चौराहे के जंक्शन प्वाइंट पर वाहनों की पार्किंग की जा रही है। गोरखपुर बाजार छोर पर लेट टर्न में ठेले-टपरे, गुमटियों का जमावड़ा है। इसके कारण लेट टर्न से वाहनों से आवाजाही मुश्किल होती है। इस चौराहे पर आवाजाही सुगम बनाने निगम ने जमीन अधिग्रहण पर 55 लाख रुपए खर्च किए थे।
हद तो ये है कि नगर निगम मुयालय के सबसे करीब तीन पत्ती चौक के लेट टर्न भी शहरवासियों को खाली नहीं मिल पा रहे हैं। यहां भी ठेले-टपरे वालों का जमावड़ा हो जा रहा है। जबकि इस चौराहा से होकर दिन भी नगर सरकार से लेकर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों की आवाजाही रहती है।
तहसीली चौक में मॉडल स्कूल परिसर से लगे लेट टर्न व न्यायालय छोर के लेट टर्न दोनों ही ओर वाहनों की पार्किंग की जा रही है। स्कूल छोर पर तो स्ट्रीट वेंडर ठेले-टपरे भी लगा ले रहे हैं। इसके कारण कार्यालयीन दिनों में इस चौराहे से होकर गुजरने में राहगीरों को हर हाल में जाम से जूझना पड़ता है।
शहर के व्यस्त चौराहों में शुमार ब्लूम चौक पर होमसाइंस कॉलेज छोर के लेट टर्न पर हर रोज वाहनों की पार्किंग कर दी जाती है। इसके कारण यहां से एबुलेंस का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। एक स्टोर के संचालक ने तो लेट टर्न से सटकर ही ट्रांसफार्मर भी लगा दिया है।
चौराहों के लेट टर्न अतिक्रमण मुक्त रखने पूर्व में अभियान चालाया गया था, फिर से कार्रवाई शुरू की जाएगी, जिससे की आवाजाही मार्ग सुगम रहे और राहगीरों को समस्या का सामना ना करना पड़े।