आयुर्वेदाचार्यों के मुताबिक यह अशांत मन को शांत कर नकारात्मक विचारों को नष्ट कर सकारात्मक विचार पैदा करता है। इसे देखने, सूंघने और इसके पास रहने थे मन एकाग्र व शांत होता है। यह सात्विक विचार पैदा करने के साथ ही माइग्रेन जैसे रोगों को दूर करने की क्षमता रखता है। इसके पुष्प कई दिनों तक गुलदस्ता में ताजे बने रहते हैं। चित्त को शांत कर अपनी साधना पूरी करने के लिए योगी इसकी माला धारण करते हैं। इसके फूलों में हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने की क्षमता होती है।