जानिए मेडिकल कॉलेज कैसे मरीजों की जान से कर रहा खिलवाड़, अगर यही हाल रहा तो…
लापरवाही हॉस्पिटल प्रबंधन के लिए आम बात
हॉस्पिटल में अचानक बिजली बंद होने से अफरा-तफरी का मच गई। आईसीयू और केजुअल्टी वार्ड में इनवर्टर से सिर्फ मशीने चालू रहीं। वहीं जल्द ही बिजली नहीं आती तो मशीन भी बंद हो जाती है। हॉस्पिटल में इतनी बड़ी घटना के बावजूद एक भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इस प्रकार की लापरवाही हॉस्पिटल प्रबंधन के लिए आम बात हो गई है। मरीजों को हर दिन यहां नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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आधे शहर में चार घंटे तक बिजली रही बंद
शाम ६ बजे तेज आंधी तूफान के बाद शहर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। शिकायत करने के लिए बिजली कंपनी के हेल्प लाइन नंबर में कॉल किया गया, तो कोई रिसीव करने वाला ही नहीं था। काफी मशक्कत के बाद रात करीब १० बजे बिजली सप्लाई हो पाई। बिजली कंपनी ने प्री-मानसुन मेंटेनेंस के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है। इसका खामियाजा अब उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
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जनरेटर भी खराब
हॉस्पिटल में बिजली व्यवस्था के लिए लाखों रुपए की लागत से जनरेटर खरीदा गया है। नियमित रूप से जनरेटर का मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से वह भी बंद पड़ा हुआ है। इसकी जानकारी हॉस्पिटल प्रबंधन को तब हुई जब बिजली बंद हो गई। हर साल करोड़ों रुपए फंड मिलने के बावजूद यहां पर सुविधाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है।