दरअसल कोटा की रामगंज मंडी में रहने वाले अखिलेश गर्ग ने पिछले महीने सोलह तारीख को एसीबी अफसरों को शिकायत दी कि वे रामगंज मंडी स्थित अपनी जमीन पर मकान बनाना चाहते हैं और इसकी परमिशन देने की एवज में पालिका प्रशासन और उससे जुड़े लोग चार लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। ऐसे में एसीबी ने इसको सत्यापित किया तो पता चला कि मामला सही है। गर्ग ने यह भी बताया कि वे करीब नगर पालिका अध्यक्ष हेमलता शर्मा के बेटे सौरभ शर्मा को एक लाख पचास हजार रुपए पहले ही दे चुके हैं। उसके बाद भी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी पंकज कुमार चार लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पालिका अध्यक्ष को पैसा दिया वह अलग है मुझे अलग से देना होगा। गर्ग ने एसीबी को बताया कि पालिका अधिकारी पंकज कुमार ने रुपए नहीं देने पर उनकी फाइल पर लाल मार्क कर दिया और चेतावनी दी कि मकान बना लिया तो गिरा दिया जाएगा। इस पर गर्ग ने एसीबी की शरण ली।
एसीबी की टीम ने गर्ग के साथ मिलकर ट्रेप तय किया। गर्ग को पंकज कुमार मंगल ने एक लाख रुपए लेकर अपने घर बुलाया। पांच अगस्त की रात करीब ग्यारह बजे गर्ग एक लाख रुपए लेकर पंकज के पास पहुंचे। वहां उसका साथी भवानी सिंह भी बैठा था। पंकज को गर्ग ने जैसे ही रुपए दिए तो एसीबी ने उनको ट्रेप किया। लेकिन पंकज ने रुपए अपने साथी भवानी को दे दिए। भवानी ने रुपए जला दिए। हांलाकि एसीबी ने उनमें से कुछ कैश बचा भी लिया। बाद में पंकज और उसके साथी भवानी को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी पालिका अध्यक्ष हेमतला के यहां पहुंची और वहां से उनके बेटे सौरभ शर्मा को भी अरेस्ट कर लिया। देर रात ग्यारह बजे शुरु हुई कार्रवाई आज तड़के चार बजे तक चली। एसीबी टीम ने बताया कि अभी तक हेमलता शर्मा की सीधी दखल का कोई सुराग नहीं मिला है। सुराग मिलते ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।