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जमीन बेच कर घर लौट रहा था युवक , दोस्त के इस काम ने किया दोस्ती को शर्मिंदा , वारदात में पुलिसकर्मी भी शामिल

जमीन बेच कर घर लौट रहा था युवक , दोस्त के इस काम ने किया दोस्ती को शर्मिंदा , वारदात में पुलिसकर्मी भी शामिल

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जयपुर

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RAJESH MEENA

Feb 09, 2020

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apaharn and loot : जयपुर। मोटी रकम लूटने के चक्कर में तीन बदमाशों ने एक कांस्टेबल के साथ मिलकर युवक को अगवा ( apahran )कर लिया और उससे मारपीट कर नकदी व मोबाइल ( loot )छीन लिया। पीडि़त ने घटना के दस दिन बाद प्रतापनगर ( partap nagar thana )थाने में मामला दर्ज करवाया।
पुलिस के अनुसार सेक्टर-२९ प्रतापनगर निवासी भगवान सिंह ने मामला दर्ज करवाया कि नरेंद्र मीणा ने अपने दो साथियों व एक कांस्टेबल के साथ मिलकर उसे अगवा कर लिया और उससे मारपीट ( case loot in jaipur )कर १७५०० रुपए व मोबाइल छीनकर ले गए। नरेंद्र के साथियों ने स्वयं को पुलिस में होना बताया। डर के चलते पीडि़त वारदात के दस दिन बाद थाने पहुंचा। ( rajasthan police )

गांव में बेची थी जमीन
जांच अधिकारी एएसआइ लट्टूर प्रसाद ने बताया कि पीडि़त ने गांव में कुछ दिनों पहले जमीन बेची थी। नरेंद्र से पीडि़त की कुछ समय पहले ही दोस्ती हुई थी और नरेंद्र टैक्सी चलाता है। भगवान सिंह जब गांव से रवाना हुआ तो उसने नरेंद्र को फोन कर कहा कि वह अपनी टैक्सी लेकर सात नम्बर बस स्टेण्ड पर आ जाए। उसे कहीं जाकर आना है। नरेंद्र ने भगवानसिंह के पास जमीन का मोटा पैसा होने की संभावना के चलते लूट की योजना बनाई। इस योजना में पुलिस लाइन में तैनात एक कांस्टेबल को भी अपने साथ मिला लिया। ( rajasthan news )

जब पीडि़ता सात नम्बर बस स्टेण्ड पर पहुंचा तो नरेंद्र ने अपने दो साथियों के साथ कांस्टेबल को भी बुला लिया। आरोपी उसे गाडी में बैठाकर इंदिरा गांधी नगर ले गए और मारपीट कर उससे ११५०० रुपए व मोबाइल छीन लिया। आरोपियों ने पीडि़त को घर से और रुपए मंगवाने को कहा। इस पीडि़त ने अपनी मां के पास से छह हजार रुपए और मंगवा लिए। पीडि़त ने अपने पास मोटी रकम होने से मना कर दिया तो आरोपी उसे प्रतापनगर में महल रोड पर छोड़कर भाग निकले।
लट्टूर ने बताया कि आरोपी नरेंद्र व उसके साथियों को पकड़ लिया गया है और कांस्टेबल की तलाश की जा रही है। आरोपियों ने स्वयं को प्रतापनगर थाने में तैनात होना बताया था। कांस्टेबल देशराज को लेकर छानबीन की जा रही है। वहीं नरेंद्र व उसके साथियों का अपराधिक रिकॉर्ड देखा जा रहा है। घटना २८ जनवरी की है। आरोपियों द्वारा स्वयं को पुलिसकर्मी बताने के कारण पीडि़त डर गया था और वह मामला दर्ज करवाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। उसने स्वयं के स्तर पर जांच तो सामने आया कि आरोपी किसी भी थाने में तैनात नहीं है। तब जाकर पीडि़त ने सात फरवरी को मामला दर्ज करवाया।