सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में स्मारकों का प्रवेश शुल्क गुपचुप तरीके से 35 फीसदी से अधिक बढ़ाया है। अधिकारियों ने बताया कि अन्य राज्यों में भी कोरोना काल में शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। प्रदेश में यह तैयारी पहले से थी, लेकिन इसमें देरी की गई। इधर, पर्यटन उद्योग से जुड़े जानकारों का मानना है कि टिकट शुल्क में बढ़ोतरी से आगामी दिनों में शहरी और दूसरे जगहों से आने वाले पर्यटकों की आवक पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
आमेर का यह रहेगा शुल्क जानकारी के मुताबिक राजकीय संग्रहालय अल्बर्ट हॉल में भारतीय पर्यटकों को नॉर्मल टिकट दर 40 से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया है। यहां भारतीय और विदेशी विद्यार्थियों के टिकट शुल्क में बदलाव नहीं किया है। भारतीय सैलानी, भारतीय विद्यार्थी सैलानी की कंपोजिट टिकट आमेर महल, हवामहल, जंतर-मंतर, अल्बर्ट हॉल, ईसरलाट, विद्याधर बाग, सिसोदिया रानी का बाग, नाहरगढ़ दुर्ग की दरें अलग-अलग हैं। वहीं भारतीय विद्यार्थियों का कम्पोजिट टिकट 40 से बढ़ाकर 100 रुपए व विदेशी विद्यार्थियों का कम्पोजिस्ट टिकट शुल्क 200 से 500 रुपए किया है।
यहां भी बढ़ा शुल्क अन्य भारतीय पर्यटकों का विश्व विरासत में शुमार आमेर महल, जंतर-मंतर, हवामहल, नाहरगढ़ व विद्याधर बाग का कंपोजिट टिकट 300 से बढ़ाकर 400 रुपए होगा। विदेशी पर्यटकों के लिए 1000 रुपए का टिकट होगा। जयपुर के अलावा अन्य संरक्षित स्मारकों के लिए भारतीय दर्शक 50, विद्यार्थी 20, विदेशी दर्शक 200, विदेशी विद्यार्थी को 50 रुपए देने होंगे। आमेर को देखने के लिए भारतीय पर्यटक को 100 रुपए खर्च करने होंगे। वही विदेशी पर्यटक को इसके लिए 500 रुपए चुकाने होंगे। आमेर का छोड़कर सभी स्मारकों पर भारतीय पर्यटक की सामान्य दर 50 तो वहीं भारतीय विद्यार्थियों के 20 रुपए का शुल्क लगेगा।