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जयपुर

अब स्कूली विद्यार्थियों की उपस्थिति भी करनी होगी ऑनलाइन दर्ज

अब स्कूलों में अध्यापन करवाने के साथ ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर रहे शिक्षक, बतौर बीएलओ ड्यूटी देने वाले शिक्षकों को अब स्कूली विद्यार्थियों की उपस्थिति भी शाला दर्पण पर ऑनलाइन करनी होगी।

जयपुरDec 01, 2021 / 08:46 pm

Rakhi Hajela

अब स्कूली विद्यार्थियों की उपस्थिति भी करनी होगी ऑनलाइन दर्ज

अब स्कूली विद्यार्थियों की उपस्थिति भी करनी होगी ऑनलाइन दर्ज


शिक्षकों को दी एक और नई जिम्मेदारी
शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड करनी होगी उपस्थिति
छात्र और छात्राओं की नियमित उपस्थिति करनी होगी अपलोड
विरोध में शिक्षक, पढ़ाए या उपस्थिति दर्ज करें
जयपुर
अब स्कूलों में अध्यापन करवाने के साथ ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर रहे शिक्षक, बतौर बीएलओ ड्यूटी देने वाले शिक्षकों को अब स्कूली विद्यार्थियों की उपस्थिति भी शाला दर्पण पर ऑनलाइन करनी होगी। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, जिसके मुताबिक स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह शिक्षकों के साथ साथ अब विद्यार्थियों की उपस्थिति भी शाला दर्पण पर अपलोड करें। निर्देश में यह भी कहा गया है कि छात्र और छात्राओं की उपस्थिति अलग अलग करनी होगी, वह भी नियमित रूप से।
ग्रामीण इलाकों में कैसे होगी उपस्थिति
विभाग के इन आदेशों का अब शिक्षक भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि शहरी क्षेत्रों में भले ही यह काम हो जाएगा लेकिन प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में शिक्षक शाला दर्पण पोर्टल पर विद्यार्थियों की उपस्थिति कैसे सुनिश्चित करेंगे। ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सेवाएं सुचारू नहीं होती, जहां शिक्षकों की उपस्थिति ही बाद में दर्ज होती हो वहां विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करवाने का काम आसान नहीं होगा। शिक्षकों का यह भी कहना है कि पहले ही उन पर काम का भार इतना अधिक है कि अब विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करवाने का मतलब है और अधिक समय की बरबादी, जब शिक्षक दिन भर इन्हीें कामों में लगे रहेंगे तो शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होगी।
शिक्षकों से लिए जाने वाले गैर शैक्षणिक कार्य
मतदाता सूची निर्माण व संशोधन प्रक्रिया, पोर्टल पर डाटा फीडिंग करना, मिड.डे.मील के तहत खाते में फंड ट्रांसफर सुनिश्चित करना, मिड.डे मील के तहत राशन व खाद्य सामग्री एकत्र करना, भोजन बनवाना, राशन सार्वजनिक वितरण केंद्र पर अनाज वितरण करवाना, विद्यालय परिसर का दुरुस्तीकरण कराना, विद्यालय परिसर के विभिन्न अभिलेखों को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी, भवन निर्माण व देखरेख का काम, प्रसार.प्रसार के लिए बच्चों को लेकर विभिन्न रैलियों में शामिल करवाना, बीएलओ का काम।
गौरतलब है कि कोविड काल में शिक्षकों के उत्तरदायित्व में और भी बढ़ोतरी हुई है। ऑफलाइन पढ़ाई के साथ ऑनलाइन पढ़ाई। स्टूडेंट्स को स्माइल क्लास से जोडऩे, वर्क बुक वितरण का काम, जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे और ऑनलाइन पढ़ाई से भी नहीं जुड़ पा रहे शिक्षक उनके घर जाकर उन्हें पढ़ाई से जोडऩे का काम भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं समय समय पर उनकी ड्यूटी कई अन्य कामों में भी लगा दी जाती है। कभी राशन वितरण तो कोई यूरिया डीएपी वितरित करने का भी शिक्षकों के जिम्मे दिया जा रहा है। हाल में सवाई माधोपुर में संस्था प्रधान को यह दायित्व दिया गया तो था तो पुष्कर में शिक्षकों की ड्यूटी मंदिर की दान राशि गिनने में लगा दी गई थी। कोविड काल में उनसे ऑक्सीजन सिलेंडर वितरित करने के साथ ही शमशान मेंदाह संस्कार करवाने तक का काम करवाया गया।

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