बांग्लादेशी और रोहिंग्या को लेकर प्रदेश में हर जिले में करीब सात साल से सर्वे किया गया है। सर्वे कार्य 2011 में शुरू किया गया था और पिछले साल 2017 तक किया गया। सर्वे में सामने आया कि राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 837 (292 रोहिंग्या एवं 545 बांग्लादेशी) रोहिंग्या-बांग्लादेशी निवासरत हैं। बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को पुशबैक करने के लिए पुलिस प्रशासन प्रयास करता है। समय-समय पर पुलिस विभाग द्वारा अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्या व बांग्लादेशियों को अभियान चलाकर राज्य से बाहर करने की कार्यवाही की जाती रही है। अब तक 243 को राज्य से बाहर पुशबैक किया गया है, 32 को राज्य से बाहर भेजे जाने की प्रक्रियाधीन है।
प्रदेश में सीमापार कर बांग्लादेशी जिस अवैध तरीके से घुसे, इसी तरह से इन बांग्लादेशियों ने सरकारी दस्तावेज तक बनवा लिए। जाहिर है ये सरकारी दस्तावेज सरकारी कार्यालयों से ही गलत तरीके से बने हैं। पुलिस को इसकी भनक भी लग गई है और पुलिस ने केंद्र सरकार तक को इस बारे में जानकारी दी है। समस्या पहचान और दस्तावेज की नहीं है, इससे भी बड़ी समस्या यह है कि इन बांग्लादेशियों को जो सरकारी दस्तावेज सरकारी विभागों से बने हैं उनको नष्ट करने के लिए पुलिस सरकारी विभागों से पत्राचार कर रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
सर्वे के अनुसार आठ सौ से ज्यादा रोहिंग्या और बांग्लादेशी राजस्थान में अवैध तरीके से रह रहे हैं। इन लोगों के पास कुछ सरकारी दस्तावेज भी मौजूद हैं और ये दस्तावेज ही पुलिस की कार्रवाई के दौरान प्रशासन पर भारी पड़ते हैं। ये बांग्लादेशी और रोहिंग्या परिवार अपराधिक मामलों में भी लिप्त हैं। जयपुर व अजमेर में इन लोगों पर पुलिस ने कुल 24 प्रकरण दर्ज किए हैं। इनमें से करीब पंद्रह प्रकरणों में चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। आठ लंबित हैं।
राजस्थान पुलिस करीब सात साल से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं पर नजर रखे हुए है। सात साल में कई परिवार राजस्थान में प्रवेश कर चुके हैं। पूछताछ में सामने आया है कि अधिकतर परिवार धर्म की आड़ और रोजगार के चलते अवैध रूप से प्रदेश में घुसे हैं। इनमें जयपुर और अजमेर में रहने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं सीमावर्ती जिले बीकानेर , गंगानगर, जोधपुर , उदयपुर , बाड़मेर और जैसलमेर में भी इनकी अच्छी खासी संख्या है।
अजमेर के क्रिश्चयनगंज, दरगाह और सारवाड़ जयपुर के विद्याधर नगर, सांगानेर सदर, सोडाला, कानोता, जवाहर सर्किल, सदर और प्रागपुरा क्षेत्र में अलवर के शाहजहांपुर और भिवाड़ी क्षेत्र समेत अन्य जगहों पर अच्छी खासी संख्या में बांग्लादेशी परिवार रह रहे हैं।
– एसआर मीना, पासपोर्ट अधिकारी, जयपुर