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RGHS में बड़ा घोटाला… 31 कार्डधारकों के नाम से उठाए 2.74 करोड़ रुपए के बिल, जानें कैसे होती है हेराफेरी?

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए संचालित राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में बड़ा घोटाला सामने आया है।

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rajasthan hospital

RGHS News

विकास जैन

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए संचालित राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में कुछ निजी केन्द्र जमकर चांदी कूट रहे हैं। योजना में पंजीकृत कुछ आयुष केन्द्रो ने तो पंचकर्म थैरेपी की आड़ में एक ही मरीज के कई बार प्रोसीजर बताकर एक-एक मरीज के 5 से 12 लाख रुपए तक के बिल बनाकर पेश किए। कुछ मामलों में तो पूरे परिवार ने ही इन थैरेपी का लाभ उठाया है।

अलवर के किशनगढ़ बास में लाइफ केयर हॉस्पिटल 9 जून 2023 से आरजीएचएस में पंजीकृत है। पंजीकरण
आयद यहां 31 कार्ड धारको व आश्रित परिवार के सदस्यों का निरंतर उपचार कर अब तक 2.74 करोड़ रुपए के बिल प्रस्तुत किए गए है। वित्त विभाग की जांच में सामने आया कि अस्पताल में रोगियों के आइपीडी डे-केयर में किए गए प्रोसीजर इतनी अधिक संख्या में किए गए हैं, जो इनके संसाधन, चिकित्सक- स्टाफ को देखते हुए संभव ही नहीं है।

नोटिस निकाले हैं

राजस्थान मेडिकल अटेंडेंस नियम, ऑल इंडिया आयुर्वेद इंस्टीट्यूट की एसओपी व आरजीएचएस गाइडलाइन का इनकी ओर से उल्लंघन किया जा रहा है। इनके खिलाफ पेनल्टी के नोटिस निकाले गए हैं।- नवीन जैन, शासन सचिव, वित्त विभाग, राजस्थान सरकार

यह भी पढ़ें : RGHS के पेशोपेश में फंसे सरकारी कर्मचारी, दवा विक्रेताओं ने CS सुधांशु पंत से की शिकायत

क्षमता से कई गुना बताए प्रोसीजर…..

जीना सीखो लाइफ केयर लिमिटेड (शुद्धि आयुर्वेद पंचकर्म हॉस्पिटल) के हॉस्पिटल जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, सफदरजंग एनक्लेव नई दिल्ली में पंजीकृत है। इस संस्था की ओर से पंजीकरण के बाद अब तक 1983 रोगियों पर 39.62 करोड़ रुपए के बिल प्रस्तुत किए जा चुके हैं। आयुर्वेद पंचकर्म थैरेपी में प्रोसीजर एक बार में अधिकतम 7 से 28 दिन तक व वर्ष में 1 से 3 बार तक किए जाने की गाइडलाइन है। लेकिन यहां आइपीडी डे केयर में अधिक संख्या में प्रोसीजर किए गए हैं। जांच में सामने आया कि इतने प्रोसीजर इनके पास उपलब्ध संसाधनों एवं कार्यरत चिकित्सक स्टाफ को देखते हुए संभव ही नहीं है।

डॉक्टर कोई और…. रजिस्ट्रेशन किसी दूसरे का

राजस्थान बोर्ड में अपंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों से रोगियों को आइपीडी डे केयर में भर्ती किया जा रहा है। साथ ही पंचकर्म थैरेपी से इलाज कर उनके जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। जीना सीखो अस्पताल, गोपालपुरा जयपुर में पीजी योग्यताधारी चिकित्सक नहीं पाया गया। यहां तैनात डॉक्टर राजस्थान में पंजीकृत नहीं है। उनकी
ओर से लिखे गए रजिस्ट्रेशन नंबर का राजस्थान में किसी अन्य नाम से रजिस्ट्रेशन है जो लंबे समय से नवीनीकरण नहीं कराने के कारण निरस्त चल रहा है।