READ: बजट से जुडी घोषणाएं और FULL COVERAGE जानने के लिए यहां करें क्लिक जेटली ने पेश किया 88वां बजट
देश के 25वें वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली ने गुरुवार को देश का 88वां और अपना पांचवां बजट पेश किया। आजादी के बाद से अब तक कुल 87 आम और अंतिरम बजट पेश किए जा चुके हैं।
देश के 25वें वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली ने गुरुवार को देश का 88वां और अपना पांचवां बजट पेश किया। आजादी के बाद से अब तक कुल 87 आम और अंतिरम बजट पेश किए जा चुके हैं।
आजादी के बाद पहला बजट
आजादी के साढ़े सात महीने के लिए पहला आम बजट देश के प्रथम वित्त मंत्री आर.के. षण्मुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को पेश किया था, जो कि 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के लिए था और मात्र 171.85 करोड़ रुपए का था। इसमें राजकोषीय घाटा 24.59 करोड़ रुपए रखने का लक्ष्य रखा गया था। उस समय भारत और पाकिस्तान की मुद्रा एक ही थी।
आजादी के साढ़े सात महीने के लिए पहला आम बजट देश के प्रथम वित्त मंत्री आर.के. षण्मुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को पेश किया था, जो कि 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के लिए था और मात्र 171.85 करोड़ रुपए का था। इसमें राजकोषीय घाटा 24.59 करोड़ रुपए रखने का लक्ष्य रखा गया था। उस समय भारत और पाकिस्तान की मुद्रा एक ही थी।
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वर्ष 2017-18 का आम बजट कुल 21,46,735 करोड़ रुपए राजस्व और 25,13,762 करोड़ रुपए व्यय का था। वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 प्रतिशत अर्थात 5,46,532 करोड़ रुपए और राजस्व घाटा 1.9 प्रतिशत अर्थात 3,21,163 करोड़ रुपए था।
वर्ष 2017-18 का आम बजट कुल 21,46,735 करोड़ रुपए राजस्व और 25,13,762 करोड़ रुपए व्यय का था। वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 प्रतिशत अर्थात 5,46,532 करोड़ रुपए और राजस्व घाटा 1.9 प्रतिशत अर्थात 3,21,163 करोड़ रुपए था।
यूं बदली परंपरा
पहले बजट फरवरी माह की अंतिम तिथि और शाम को पांच बजे पेश किया जाता था। यह परंपरा 1999 तक जारी रही। ब्रिटिश काल की यह परंपरा 2001 में टूटी और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया।
पहले बजट फरवरी माह की अंतिम तिथि और शाम को पांच बजे पेश किया जाता था। यह परंपरा 1999 तक जारी रही। ब्रिटिश काल की यह परंपरा 2001 में टूटी और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया।
मोदी सरकार की पहल, रेल बजट समाहित
नरेंद्र मोदी सरकार ने फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश करने की परंपरा को तोड़ते हुए 2017 से इसे 01 फरवरी को पेश करना शुरू किया। इसके पीछे मकसद यह था कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने पर यह अमल में लाया जा सके। वर्ष 2017-18 से ही आम बजट में ही रेल बजट को भी समाहित किया गया।
नरेंद्र मोदी सरकार ने फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश करने की परंपरा को तोड़ते हुए 2017 से इसे 01 फरवरी को पेश करना शुरू किया। इसके पीछे मकसद यह था कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने पर यह अमल में लाया जा सके। वर्ष 2017-18 से ही आम बजट में ही रेल बजट को भी समाहित किया गया।
मोरारजी देसाई ने किए 10 बजट पेश
– देश में सबसे अधिक बजट पेश करने का श्रेय मोरारजी देसाई को है। उन्होंने कुल 10 बजट पेश किए।
– पी. चिदंबरम को नौ और प्रणव मुखर्जी को आठ बजट पेश करने का श्रेय है। मुखर्जी पहले वित्त मंत्री थे, जो राज्यसभा के सदस्य थे।
– यशवंत सिन्हा, यशवंत राव चह्वाण और सी.डी. देशमुख ने सात-सात और टी.टी. कृष्णामाचारी तथा मनमोहन सिंह ने छह-छह आम बजट पेश किए हैं।
– देश में सबसे अधिक बजट पेश करने का श्रेय मोरारजी देसाई को है। उन्होंने कुल 10 बजट पेश किए।
– पी. चिदंबरम को नौ और प्रणव मुखर्जी को आठ बजट पेश करने का श्रेय है। मुखर्जी पहले वित्त मंत्री थे, जो राज्यसभा के सदस्य थे।
– यशवंत सिन्हा, यशवंत राव चह्वाण और सी.डी. देशमुख ने सात-सात और टी.टी. कृष्णामाचारी तथा मनमोहन सिंह ने छह-छह आम बजट पेश किए हैं।