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जयपुर

UNION BUDGET 2018 LIVE: राजस्थान को क्या-क्या मिला, यहां देखें पल-पल की अपडेट्स

Arun Jaitley announcements for Rajasthan: वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस बार भी राजस्थान को हैं उम्मीदें

जयपुरFeb 01, 2018 / 01:28 pm

Nakul Devarshi

Arun Jaitley Budget 2018 Rajasthan announcements
बजट घोषणाएं HIGHLIGHTS LIVE:-
अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया

ये हुए महंगे-सस्ते
– कस्टम ड्यूटी बढ़ने से महंगे होंगे मोबाइल-टीवी
– एजुकेशन सेस 3 से बढ़ाकर 4 फीसदी किया गया
– मोबाइल, टीवी के अलावा अन्य चीज़ों पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई
– मोबाइल फोन पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई: जेटली
– बजट के बीच सेंसेक्स में भारी गिरावट, 438 प्वाइंट नीचे गया बाजार
– टीवी पर 15 फीसदी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई: जेटली
– 1 लाख से अधिक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 10 फीसदी टैक्स: जेटली
– ई असेसमेंट स्कीम पूरे देश में लागू होगी: जेटली
– 31 जनवरी 2018 के बाद खरीदे शेयरों पर 10 फीसदी टैक्स: जेटली
– बुजुर्गों के लिए FD, RD पर ब्याज टैक्स फ्री: जेटली
– इस साल 700 नए रेल इंजन तैयार किए जाएंगे: जेटली
– वरिष्ठ नागरिकों को डिपॉजिट पर राहत दी जाएगी: जेटली
– डिपॉजिट पर छूट 10 से बढ़ाकर 50 हजार रुपए हुई: जेटली
– 40 हजार रुपए तक स्टैंडर्ड डिडेक्शन मिलेगा: जेटली
– स्टैंडर्ड डिडेक्शन की फिर से शुरुआत होगी: जेटली
– 250 करोड़ की कंपनियां 25 फीसदी टैक्स दायरे में: जेटली
– इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं: जेटली
– कालेधन के खिलाफ लड़ाई का देश को फायदा हुआ: जेटली
– 100 करोड़ टर्नओवर वाली कृषि कंपनियों पर टैक्स नहीं
– हमारी सरकार के पिछले 3 सालों में औसत विकास दर 7.5 प्रतिशत पहुंची, 2.5 ट्रिलियन डॉलर की हुई भारतीय अर्थव्यवस्था
– भारत तेज गति से विकसित अर्थव्यवस्था में हुआ शामिल, #GST लागू होने से अप्रत्यक्ष कर प्रणाली हुई आसान
– किसान, गरीबों और कमजोर तबकों के लिए कई कार्यक्रमों की शुरूआत की गई
– विश्व बैंक की कारोबार सुगमतार रैंकिंग में 42 स्थानों का हुआ सुधार, प्रधानमंत्री ने हमेशा अच्छे प्रशासन के महत्व पर दिया बल
– 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य
– किसान क्रेडिट कार्ड अब पशुपालकों को भी मिलेगा, बांस के वन क्षेत्र से अलग किया है
– सरकार ने स्टेंट की कीमत कम की. 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे। आलू, टमाटर और प्याज के लिए सरकार 500 करोड़ रूपये देगी
– सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली दी जाएगी
– ऑपरेशन फ्लड की तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीन्स होगा शुरू, ऑपरेशन ग्रीन्स के 500 करोड़ रूपये का प्रस्ताव
– डेढ़ लाख वेलनेस केंद्रों के लिए 12 हजार करोड़ रूपये
– दूर संचार क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए 10 हजार करोड रूपये
– भारत की अर्थव्यवस्था 25 खरब डॉलर की है और जल्द ही सातवें से पाँचवें स्थान पर पहुँच जायेगी
– Digital India के लिए आवंटन दुगुना कर 373 करोड़ रूपये
– बांस क्षेत्र के विकास के लिए 1290 करोड़ रूपये
– आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम बनेगा
– 10 प्रमुख प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों का निर्माण किया जायेगा
– अनुसूचित जाति कल्याण के लिए 56,619, अनुसूचित जनजाती के लिए 39,135 रूपये की राशि का आवंटन करेगी सरकार
– 24 नए सरकारी चिकित्सा कॉलेज की होगी स्थापना
– 10 करोड़ परिवार को प्रत्येक वर्ष 5 लाख रुपये तक की राशि अस्पताल में इलाज के लिए सरकार उपलब्ध करायेगी
– इस साल शुरू होगा प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता कार्यक्रम
– आदिवासी बहुल ब्लाकों में खुलेंगे ‘एकलव्य’ मॉडल आवासीय विद्यालय, 2022 तक शिक्षा में आधारभूत सुधार के लिए ‘राइज’ नामक पहल का प्रस्ताव
– स्मार्ट सिटी के तहत 100 शहरों को आधुनिक बनाने का लक्ष्य
– कपड़ा क्षेत्र के लिए 2018-19 में 7148 करोड़ रुपये का प्रावधान
– रेलवे में ‘सुरक्षा सर्वप्रथम नीति’ में सुधार पर जोर, 600 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को पुनः विकसित करने का काम शुरू
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जेटली ने पेश किया 88वां बजट
देश के 25वें वित्त मंत्री के तौर पर अरुण जेटली ने गुरुवार को देश का 88वां और अपना पांचवां बजट पेश किया। आजादी के बाद से अब तक कुल 87 आम और अंतिरम बजट पेश किए जा चुके हैं।
आजादी के बाद पहला बजट
आजादी के साढ़े सात महीने के लिए पहला आम बजट देश के प्रथम वित्त मंत्री आर.के. षण्मुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को पेश किया था, जो कि 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के लिए था और मात्र 171.85 करोड़ रुपए का था। इसमें राजकोषीय घाटा 24.59 करोड़ रुपए रखने का लक्ष्य रखा गया था। उस समय भारत और पाकिस्तान की मुद्रा एक ही थी।
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पिछला बजट
वर्ष 2017-18 का आम बजट कुल 21,46,735 करोड़ रुपए राजस्व और 25,13,762 करोड़ रुपए व्यय का था। वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 प्रतिशत अर्थात 5,46,532 करोड़ रुपए और राजस्व घाटा 1.9 प्रतिशत अर्थात 3,21,163 करोड़ रुपए था।
यूं बदली परंपरा
पहले बजट फरवरी माह की अंतिम तिथि और शाम को पांच बजे पेश किया जाता था। यह परंपरा 1999 तक जारी रही। ब्रिटिश काल की यह परंपरा 2001 में टूटी और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया।
मोदी सरकार की पहल, रेल बजट समाहित
नरेंद्र मोदी सरकार ने फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश करने की परंपरा को तोड़ते हुए 2017 से इसे 01 फरवरी को पेश करना शुरू किया। इसके पीछे मकसद यह था कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने पर यह अमल में लाया जा सके। वर्ष 2017-18 से ही आम बजट में ही रेल बजट को भी समाहित किया गया।
मोरारजी देसाई ने किए 10 बजट पेश
– देश में सबसे अधिक बजट पेश करने का श्रेय मोरारजी देसाई को है। उन्होंने कुल 10 बजट पेश किए।
– पी. चिदंबरम को नौ और प्रणव मुखर्जी को आठ बजट पेश करने का श्रेय है। मुखर्जी पहले वित्त मंत्री थे, जो राज्यसभा के सदस्य थे।
– यशवंत सिन्हा, यशवंत राव चह्वाण और सी.डी. देशमुख ने सात-सात और टी.टी. कृष्णामाचारी तथा मनमोहन सिंह ने छह-छह आम बजट पेश किए हैं।
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