मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा कि गुजरात सरकार का साबरमती आश्रम को गिराने का फैसला चौंकाने वाला है। यह राजनीतिक द्वेष के तहत लिया गया फैसला है, गहलोत ने गुजरात सरकार के इस फैसले को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी दखल की मांग की है।
सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि लोग इस पवित्र स्थल पर यह देखने के लिए आते हैं कि महात्मा गांधी ने कैसे एक साधारण साधारण जीवन जिया और फिर समाज के हर वर्ग को साथ लेकर एक विशाल स्वतंत्रता आंदोलन चलाया, खासकर ऐसे समय में जब समाज बेहद विभाजित था।
उन्होंने अपने बहुमूल्य जीवन के 13 वर्ष आश्रम में बिताए हैं, साबरमती आश्रम अपने सद्भाव और बंधुत्व के विचारों के लिए जाना जाता है। देश विदेश के लोग यहां कोई भी विश्व स्तरीय इमारत नहीं देखना चाहते। लोग इस जगह की सादगी और आदर्शों की प्रशंसा करते हैं, इसलिए इसे आश्रम कहा जाता है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने लिखा कि आश्रम की गरिमा को नष्ट करना हमारे राष्ट्रपिता का अपमान है। ऐसा लगता है कि महात्मा गांधी से जुड़ी हर चीज को बदलने के राजनीतिक मकसद से यह फैसला लिया गया है, ऐसी कोई भी कार्रवाई इतिहास में घट जाएगी और आने वाली पीढ़ियां ऐसे लोगों को माफ नहीं करेगी, जिन्होंने हमारी समृद्ध विरासत संस्कृति और परंपराओं को नष्ट करने की कोशिश की है।