scriptजोधपुर में जानलेवा बना कांगो,अब तक कई मौत | Congo becomes deadly in Jodhpur, many deaths so far | Patrika News
जयपुर

जोधपुर में जानलेवा बना कांगो,अब तक कई मौत

Pakistan से भारत पहुंचे Congo fever ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है.जोधपुर एम्स में भर्ती क्रीमियन कांगो हैमरेजिक फीवर से पीड़ित दो मरीजों की मौत हो गई.मृतक बोरूंदा निवासी महिला इंद्रा औऱ जैसलमेर के हतार पुलिया का लोकेश है,इंद्रा की मौत दो दिन पहले हुई .उसकी मौत के बाद कांगो पॉजिटिव की रिपोर्ट आई.लोकेश के मौत मगंलवार रात हुई.आपको बता दे एम्स में लोकेश के दो परिजन भर्ती है जिनमे कांगो के लक्षण मिले है.

जयपुरSep 11, 2019 / 10:10 am

Kartik Sharma

jodhpur1111.jpg
आपको बता दे जोधपुर में वर्ष 2015 के बाद कांगो के रोगी सामने आए हैं. इसके अलावा अहमदाबाद में भी कुछ रोगियों में इसकी पुष्टि हुई थी. जानकारी के अनुसार बकरा ईद के बाद पाकिस्तान में इसके मरीज बढ़ गए. ये वायरस बकरों से इंसानों में तेजी से फैला.राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर से लगती पाक की सीमा पर कई बार मवेशी सीमा पार आ जाते हैं. इन मवेशियों के शरीर पर सीसीएचएफ वायरस की वाहक हायलोमा चींचड़ चिपके रहने से वायरस के भारत के मवेशियों पर आने की आशंका है.

पड़ौसी देश पाकिस्तान से राजस्थान और गुजरात में क्रीमियन कांगो हेमेरेजिक फीवर बीमारी (सीसीएचएफ) फैलने का खतरा बढ़ गया है.पाकिस्तान में कोहराम मचा चुका कांगो फीवर ने गुजरात,मध्यप्रदेश में भी दस्तक दे दी है.पश्चिमी राजस्थान के जिलों में मरीजों सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है. एक ओर जहां विभाग ने संबंधित जिलों में अपनी टीम भेज दी हैं, वहीं लोगों से भी इन बीमारियों को लेकर जागरुक रहने को कहा गया है.
सीसीएचएफ से पाक के सिंध प्रांत में अब तक कई रोगी सामने आए हैं, जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है
विशेषज्ञों का कहना है पाकिस्तान से भारत आ-जा रहे लोगों में इस बीमारी का वायरस फैलने का खतरा है वही सीमा पार कर आ रहे मवेशी से भी इस बीमारी का खतरा हो कता है.

क्या लक्षण है बुखार के
बात करें बुखार के लक्षणों की तो सबसे पहले तेज बुखार, जी मिचलाना, सिरदर्द, मसल्स, गर्दन और पीठ में दर्द होता है. इसके बाद उल्टी-दस्त, पेटदर्द और गले में खराश होने के बाद ब्लीडिंग होने लगती है.
अभी तक नहीं बना टीका
आपको बता दे इस बीमारी का अभी तक कोई टीका नहीं बना है.यह एक वायरस जनित बीमारी है.इसका वायरस हायलोमा चींचड़ के शरीर पर रहता है जो पशुओं पर चिपकी रहती है.
कांगो बुखार एक विषाणुजनित रोग है. यह वायरस पूर्वी एवं पश्चिमी अफ्रीका में बहुत पाया जाता है. यह वायरस सबसे पहले 1944 में क्रीमिया नामक देश में पहचाना गया. फिर 1969 में कांगो में रोग दिखा तभी इसका नाम सीसीएचएफ (Crimean-Congo hemorrhagic fever ) पड़ा. फिर 2001 में पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका में भी इसका प्रकोप बढ़ा. ये रोग पशुओं के साथ रहने वालों को आसानी से हो जाता है, हिमोरल नामक परजीवी इस रोग का वाहक है.इसलिए इसकी चपेट में आने का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ एवं कुत्ता आदि जानवरों को पालते हैं या उनके संपर्क में रहते है

Home / Jaipur / जोधपुर में जानलेवा बना कांगो,अब तक कई मौत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो