पायलट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने लोगों की दुविधा की अनदेखी कर इन्टरनेट बंद करने के सरल तरीके को अपनाकर परीक्षा में होने वाली संभावित धांधली से अपना पल्ला झाडऩे का काम किया है, जो इस बात का भी गवाह है कि प्रदेश सरकार परीक्षाओं में नकल को नियंत्रित करने में पूरी तरह से नाकाम है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के व्यापमं घोटाले के बावजूद भाजपा सरकार ने कोई सबक नहीं लिया और परीक्षा आयोजित करने के दौरान जो मूलभूत सावधानियां बरती जानी चाहिए उन्हें लागू करने में विफल रहे।
उन्होंने कहा कि इन्टरनेट पर पाबंदी लगाकर सरकार अपनी नाकामी पर पर्दा डालना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार के इन्टरनेट को बंद रखने के निर्णय ने प्रदेश की जनता पर विपरीत प्रभाव डाला है और समस्त सरकारी व गैर सरकारी कामकाज ठप्प हो गये हैं। इन्टरनेट को बंद रखने की नीति अपनाकर सरकार ने साबित कर दिया है कि उसका डिजीटल इण्डिया का नारा सिर्फ दिखावा है और तकनीक के दुरूपयोग पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है।