
केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री तक पहुंचा सूखा मावठा का मुद्दा
जयपुर
आमेर की प्राचीन झील मावठा के सूखने का मुद्दा अब केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फोंस तक पहुंच गया है। आइकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट को लेकर कल हुई बैठक में पर्यटन, पुरातत्व एवं कला संस्कृति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने यह मामला उठाया। एसीएस अग्रवाल ने कहा कि आमेर का मावठा सूखने और सागर में रिसाव का अध्ययन करने की जरूरत है। जिससे ये पता लग सके कि कैसे आमेर के दोनों प्राचीन जलाशय मॉनसूनी सीजन में जल से भर जाएं और सालभर उनमें पानी की उपलब्धता बनी रहे।
मावठा सूखने के कारण तलाशे जाएंगे
आइकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट के तहत मावठा सूखने के कारणों और इसे फिर से कैसे भरा जा सकता है, इसकी स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। साथ ही सागर का रिसाव रोकने के तौर तरीके भी तलाशे जाएंगे। केन्द्रीय मंत्री सहित पर्यटन विभाग के आला अधिकारियों ने पर्यटन के लिहाज से मावठा में जल की उपलब्धता को जरूरी माना।
2012 में डाला गया था 600 लाख लीटर पानी
जलदाय विभाग ने पहली और आखिरी बार जनवरी-फरवरी 2012 में 600 लाख लीटर पानी मावठा में डाला था। इसके बाद 8,90,784 रुपए के बिल को लेकर जलदाय विभाग और एडमा में खींचतान चल रही है। इसके फेर में मावठा में पानी नहीं भरा गया, जबकि मावठेे में प्रत्येक 6 महीने के अंतराल पर 60 मिलियन लीटर पानी डालना तय हुआ था।
आईकॉनिक आमेर में रोप—वे, नाइट सफारी
आइकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट के लिए केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री की अगुवाई में हुई बैठक में जलमहल से जयगढ़, नाहरगढ़ से आमेर तक रोप-वे शुरू करने की संभावनाएं तलाशने पर चर्चा हुई। साथ ही नाइट सफारी, आमेर महल के रैम्प पर मॉर्निंग वॉक, मेडिकल असिस्टेंस सेंटर, फूडकोर्ट और पार्किंग विकसित करने पर मंथन हुआ। केन्द्र सरकार आमेर को देश के बेहतरीन पर्यटक स्थलों की तर्ज पर विकसित करने की योजना पर काम कर रही है।
Published on:
24 Apr 2018 02:21 pm
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