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बंदरो के आतंक से लोग हो गए है परेशान, एक सप्ताह में 3 लोगों को बनाया शिकार

लोगों ने कहा मंदिर प्रबंधन और निगम की लापरवाही पड़ रही भारी

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जयपुर . तालकटोरा, ब्रह्मपुरी और गुरुनानक कॉलोनी समेत आस-पास के क्षेत्रों में बंदरों के हमले से आए दिन लोगों के घायल होने के बावजूद निगम के अधिकारी हाथ पर हाथ रख कर बैठे हैं। शुक्रवार को विनोद सोनी नाम के व्यापारी को बंदर ने पांव में काट लिया। वहीं शनिवार को भी घरों में काम करने वाली एक महिला को पानी पीते हुए बंदर ने काट लिया। इससे पहले भी मंदिर आते-जाते बंदरों का झुंण्ड लोगों को काट रहे हैं। बंदरों के आतंक से परेशान लोगों ने घरों के बाहर लाठियां-डंडे रखना शुरू कर दिया है।

एक पखवाड़े से ज्यादा हलचल

लोगों ने बताया कि गोविंद देव मंदिर के आस-पास बंदरों के दो से तीन समूह रहते हैं। एक समूह में २० से ३० बंदर हैं। अक्सर इनमें क्षेत्र के वर्चस्व और दूसरे कुनबे पर अधिपत्य जमाने को लेकर झड़प होती रहती है। इसी से चिड़चिड़ाए बंदर अक्सर यहां लोगों को काट रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह और शाम इन बंदरों की गतिविधियां ज्यादा रहती हैं। वहीं लोगों को काटने की घटना में वृद्धि हुई है। दो महीने में एक दर्जन से ज्यादा लोगों को काट चुके हैं।

बंदरों के काटने के ये हैं कारण

- चिड़चिड़ापन
- मंदिर और आस-पास के क्षेत्रों में लोगों द्वारा खाद्य सामग्री देना
- लोगों द्वारा परेशान करना
- बंदरों के समूहों का आपस में झड़प होना।

- 250 से ज्यादा बंदर हैं वार्ड ८९ में
- 25 बंदरों को पकड़ा है वार्ड ८४ से बीते तीन महीनों में
- 1500 से २००० बंदर हैं वार्ड ८४ में
- 12 से ज्यादा लोगों को काट चुके हैं एक महीने में


निगम के पास नहीं संसाधन

लोगों ने बताया कि इस संबंध में जब भी निगम के टोल फ्री नंबर, जोन कार्यालय और अधिकारियों को शिकायत करो तो हमेशा गाड़ी भेजने का आश्वासन देकर दोबारा फोन ही नहीं उठाते। बंदरों के आए दिन की धमाचौकड़ी से आजिज लोग इस संबंध में पार्षद को भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन कार्रवाई के नाम पर आज तक एक भी बंदर को पकड़कर पुनर्वास नहीं किया गया। दरअसल निगम के पास बंदरों को पकडऩे और उनके पुनर्वास के लिए न तो संसाधन हैं न ही कोई नीति ऐसे में लोगों को उनके हाल पर छोड़कर निगम भी मामले से पल्ला झाड़ लेता है।

वार्ड पार्षद 84 सुरेंद्र सिन रॉबिन ने बताया की गोविन्द देव जी मंदिर के पास होने से यहां पर बंदरों के समूह घूमते रहते हैं। पिछले दिनों इस एरिया की वीडियो ग्राफी करवा कर निगम के अधिकारियों को भी भेजी है। बीते तीन महीनों में वार्ड ८४ से २५ से ज्यादा बंदर भी पकड़े हैं। जिस जगह बंदरों के काटने की घटना ज्यादा हो रही है वहां कल ही पिंजरा लगवा दिया जाएगा।

नगर निगम आयुक्त रवि जैन ने कहा की बंदरों के लिए जहां से शिकायत आती है वहां पिंजरे की व्यवस्था करवा कर निगम बंदरों को पकडऩे की व्यवस्था करता है। परकोटे में इसकी शिकायत ज्यादा है। जल्द ही यहां भी उचित व्यवस्था करवा कर लोगों को राहत पहुंचाई जाएगी।