राजधानी की विभिन्न संस्थाएं यौमे पैदाइश को कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए करुणा दिवस के रूप में मना रही हैं। मुफ्ती मोहम्मद खलील ने कहा कि जिस परिस्थितियों में मोहम्मद साहब अरब देश में तशरीफ लाए थे, वह बहुत ही दयनीय क्रूरतापूर्ण काल था। उस समय मानवीय करुणा संबंधी कार्यक्रमों का नमूना पेश किया था। कोरोना काल में उनकी शिक्षाओं का प्रसार करने के उद्देश्य से जनसेवा कार्यक्रम के तहत फ ल वितरण, असहायों को भोजन वितरण के कार्यक्रम आयोजित होंगे।