
प्रदेश के इस कॉलेज में पन्द्रह साल बाद भी भवन तो छोडिए, जमीन तक नहीं
जयपुर. उच्च शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए सरकार कितने ही दावे करें, लेकिन स्थिति कुछ उलट ही है। कॉलेजों में शिक्षकों सहित विभिन्न पद रिक्त है और ऐसे में शिक्षण कार्य भी प्रभावित होता है। संसाधनों का अभाव भी शिक्षण कार्य में बाधित बना हुआ है। प्रदेश में 61 कॉलेज ऐसे है जिनके पास भवन नहीं है। इनमें से कुछ को जमीन का आवंटन भी कर दिया लेकिन 31 कॉलेज ऐसे है, जिनको जमीन का आवंटन तक नहीं हुआ है। इसमें पच्चीस कॉलेज गत वर्ष खोले गए, लेकिन पांच कॉलेज ऐसे है जिनको दो साल पहले खोल दिया। प्रदेश में एक कॉलेज राजकीय विधि महाविद्यालय सिरोही तो वर्ष 2005.06 में खोला गया लेकिन पन्द्रह साल बाद भी भवन तो दूर की बात है, जमीन का आवंटन तक नहीं हुआ।
प्रदेश के राजकीय महाविद्यालय बहरोड कन्या, लक्ष्मणगढ, मुंडावर, बानसूर, धोरीमन्ना, उच्चेन, वैर, नदबई, छतरगढ, राजगढ कन्या, सेफउ, हनुमानगढ कन्या, जमवारामगढ, विराटपुर, फागी, बस्सी, चाकसू, किशनपोल कन्या, साचोर, चितलवाना, हेतमसर कन्या, मथानिया कन्या, मगरा पुंजला कन्या, लूणी, बावडी, परबतसर, प्रतापगढ कन्या, पीपलखूंट, बोली, पाटन व सिरोही को अब तक जमीन का आवंटन नहीं हुआ है। इसी प्रकार 30 कॉलेज ऐसे है जिनकों जमीन का आवंटन तो हो गया है लेकिन ऐसे महाविद्यालयों को अब भी भवन निर्माण का इंतजार है।
Published on:
11 Mar 2020 04:13 pm
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