scriptकोरोना के कहर ने फिके किए होली के रंग | Festival of colors holi corona virus | Patrika News
जयपुर

कोरोना के कहर ने फिके किए होली के रंग

Festival of colors holi 2020: चीन में कहर बरपाने वाला कोरोना वायरस रंगों के त्योहार के रंग फीके करेगा। इस बार कोरोना वायरस के कारण फरवरी के शुरुआत में में माल नहीं आने से बाजार में पिचकारियों और मुखौटों की शॉर्टेज बनी हुई है। होली खेलने के लिए काम में आने वाली डिजायनर पिचकारिया, मुखौटे और गुब्बारे चीन से आयात किए जाते है। ऐसे में दुकानदारों का कहना था कि होली ( holi festival ) की खरीदारी पर इसका काफी असर पड़ेगा।

जयपुरFeb 22, 2020 / 02:21 pm

Devendra Singh

कोरोना के कहर ने फिके किए होली के रंग

कोरोना के कहर ने फिके किए होली के रंग

देवेन्द्र सिंह / जयपुर. चीन में कहर बरपाने वाला कोरोना वायरस रंगों के त्योहार के रंग फीके करेगा। इस बार कोरोना वायरस के कारण फरवरी के शुरुआत में में माल नहीं आने से बाजार में पिचकारियों और मुखौटों की शॉर्टेज बनी हुई है। होली खेलने के लिए काम में आने वाली डिजायनर पिचकारिया, मुखौटे और गुब्बारे चीन से आयात किए जाते है। ऐसे में दुकानदारों का कहना था कि होली की खरीदारी पर इसका काफी असर पड़ेगा। दुकानदारों का कहना है कि पिचकारियों और मुखौटों के बाजार पर चीन में बने उत्पादों का दबदबा है। यही कारण है कि चीनी पिचकारी और मुखौटों के बिना हमारी होली पूरी नहीं होती है। अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो होली के बाजार पर असर पड़ेगा। सामान की कीमतें दुगनी तक बढ़ जाएंगी। ऐसे में बड़ों के साथ बच्चों की होली का रंग फीका पड़ जाएगा। बाजार में स्टॉक की कमी और इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफा होने के कारण दामों में काफी वृद्धि हो रही है।

भारत निर्मित पिचकारियों की डिमांड
चीन से मुख्यत मैजिक बैलून, पिचकारी, पानी के कैप्सूल,फिल्मी स्टीकर, मुखौटे, वाटर बम, वाटर गन, टैंक आदि उत्पाद आते हैं। चीन से आने वाले उत्पाद टिकाऊ तो नहीं, लेकिन लुभावने व किफायती होने से लोग जल्दी आकर्षित होते हैं। चीन में निर्मित पिचकारियों का भारत में बड़ा मार्केट है। हालांकि चाइनीज माल नहीं आने से भारत में निर्मित पिचकारियां और पाइप खूब बिक रहे हैं। विक्रेता दिनेश मीणा का कहना है कि माल नहीं आने से कीमतों में फूल तेजी है। कोरोना वायरस के भय से लोग चाइनीज पिचकारियां खरीदने से थोड़ा परहेज भी कर रहे है, जबकि भारत में निर्मित पिचकारियों की अच्छी डिमांड है।
नया माल बाजार से नदारद
हर बार होली पर नई-नई डिजायन की पिचकारियां और मुखौटे आते हैं। लेकिन इस बार पुरानी डिजायन से ही संतोष करना पड़ेगा। राजा उदयसिंह हवेली में पिचकारियों के थोक कारोबार करने वाले निखिल देवसा का कहना है कि कोरोना वायरस का असर होली के त्योहार पर साफ दिखाई देगा। जो नया माल आना था, वह इसबार नहीं आया। करीब 80 फीसद व्यापारियों ने अपने आर्डर रद्द कर दिए हैं। बाजार में माल की शॉर्टेज होने से इस बार पिचकारियों और गुब्बारों के दामों में दुगना इज्जाफा होगा। होली पर चाइनीज पिचकारियां भी महंगी मिलेंगी। थोक विक्रेताओं का कहना है कि जयपुर के सौ से अधिक व्यापारी चीन से कंटेनर के जरिए माल मंगवाते है, लेकिन कोरोना के कारण सभी ने आर्डर रद्द कर दिए है।
माल की कमी से कीमतों में वृद्धि

होलसेल पिचकारियों के कारोबारी निखिल देवसा ने बताया कि चाइनीज पिचकारियों की सबसे ज्यादा डिमांड है। पिछले एक-सवा महीने से माल आ ही नहीं रहा है। कुछ व्यापारी चीन से सीधा माल मंगवाते है तो कुछ दिल्ली से मंगवाते हैं। दिल्ली की मंडी में रेट ऊपर जाने से राजधानी जयपुर के बाजार में भी दामों में बढ़ोतरी हुई है। पर्याप्त माल नहीं आने से कुछ समय बाद बाजार आउट ऑफ स्टाक भी हो सकता है। राजा उदयसिंह की हवेली के थोक विक्रेता इमरान खान ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते दिसम्बर के बाद माल के आर्डर निरस्त कर दिए जिसके कारण पिचकारियों की कीमतों में 25 से 50 फीसदी तक उछाल आया है। एक महीने में दो बार कीमतों में बढ़ोतरी हो चुकी है। कई आयटमों की कीमते तो सौ फीसदी तक बढ़ गई है। जो आयटम पिछली बार 17 रुपए में बेचे थे, वे अब 35 रुपए में और 35 रुपए कीमत वाले आयटम 75 रुपए में बिक रहे हैं। आने वाले समय में माल की कमी आने से कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।

Home / Jaipur / कोरोना के कहर ने फिके किए होली के रंग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो