दुर्घटना थाने के अनुसंधान अधिकारी गिरधारी ने बताया कि सोमवार शाम 6 बजे एक्सप्रेस हाईवे सिरसी पुलिया पर तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार सेवानिवृत्त सूबेदार हरलाल सिंह (77) को कुचल दिया। हादसे के बाद चालक ट्रक भगा ले गया। पहचान करने के बाद करीब 7:30 बजे शव को कांवटिया अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाने के लिए पहुंचे।
फिर घंटों करवाया इंतजार
खातीपुरा स्थित सुंदर नगर निवासी हरलाल सिंह के बेटे सत्यपाल सिंह ने बताया कि कांवटिया अस्पताल के चिकित्सक ने मुर्दाघर में शव रखने के लिए फ्रिज नहीं होने का हवाला दे एसएमएस अस्पताल ले जाने के लिए कहा। पुलिस के कहने पर परिजन यहां बर्फ लाने को तैयार हो गए। फिर भी शव एसएमएस अस्पताल में रखने की बात कही। एसएमएस अस्पताल बात की तो उन्होंने कांवटिया अस्पताल में कोविड 19 का सेम्पल देने के बाद ही शव रखने को कहा। कांवटिया अस्पताल में कोविड 19 का सेम्पल लेने वाला कोई नहीं था। काफी मिन्नत के बाद रात 10:40 बजे कांवटिया अस्पताल में सेम्पल लिया गया। इसके बाद 11 बजे शव एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाने के लिए रवाना किया।
सेवा परिषद के कोषाध्यक्ष थे
बेटे ने बताया कि उनका ट्रांसपोर्ट नगर में पेट्रोल पंप है। पिता हरलाल सिंह आरएसएस की पर्वू सैनिक सेवा परिषद राजस्थान के कोषाध्यक्ष थे। लॉकडाउन में गरीबों को भोजन बांटने और कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे थे। भांकरोटा में चाचा के पेट्रोल पंप से विश्वकर्मा किसी काम से जा रहे थे, तभी ट्रक ने कुचल दिया। पुलिस ट्रक को तलाश रही है।
पत्रिका व्यू… बिना रिपोर्ट आए रखवाया शव तो फिर इंतजार क्यों?
शव को अस्पताल के मुर्दाघर में रखने के लिए ही चार घंटे तक इंतजार करवाने से चिकित्सकीय व्यवस्था में संवेदनहीनता उजागर हुई है। मौत के बाद पहले कांवटिया अस्पताल ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा, फिर एसएमएस अस्पताल ने भी शव को एम्बुलेंस से उतरवाकर मुर्दाघर में रखना मुनासिब नहीं समझा। यह सिर्फ इसलिए किया गया कि पहले शव का कोविड टेस्ट के लिए सेम्पल लिया जाए। जबकि सेम्पल लेने के तुरंत बाद शव को मुर्दाघर में रखवा लिया गया। व्यवस्था पर बड़ा सवाल यह है कि जब बिना रिपोर्ट आए शव को मुर्दाघर में रखवा लिया गया तो उससे पहले सेम्पल लेने के लिए चार घंटे तक इंतजार क्यों करवाया गया?