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बंपर पैदावार के बावजूद मूंगफली तेल में उछाल, निर्यात रोकने के लिए व्यापारियों ने उठाई मांग

गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई की मार झेल रहा है, उसी आग में घी डालने का काम मूंगफली तेल के दामों ने कर दिया है।

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गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई की मार झेल रहा है, उसी आग में घी डालने का काम मूंगफली तेल के दामों ने कर दिया है। इस साल बंपर पैदावार होने के बावजूद निर्यात मांग के बने होने के कारण मूंगफली के दामों में लगातार तेजी बनी हुई है। इस तेजी को देखते हुए मूंगफली व्यापारियों ने इसके निर्यात पर रोक लगाने की मांग की हैं। इन दिनों मूंगफली तेल ही एकमात्र ऐसा खाद्य तेल है, जिसमें तेजी का रूख बना हुआ है। इसके अलावा सभी अन्य तेलों में मंदी है। आगे भी इसमें बड़ी गिरावट की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

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विदेशी मांग और कच्चे माल की तंगी

खाद्य तेल बाजार में मूंगफली तेल के भाव में बढ़कर प्रति दस किलोग्राम 1750 से 1800 पहुंच गए है। कारोबारियों का कहना है कि विदेशी मांग अधिक होने और कच्चे माल की तंग आपूर्ति से ज्यादातर मूंगफली तेल के प्लांट कम दामों पर बिकवाली से पीछे हट रहे हैं। इससे मूंगफली तेल के दामों को सपोर्ट मिल रहा है, जिसके कारण हर दिन मूंगफल तेल महंगा हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में बाजार में भाव में 90 रुपए की तेजी आई है। 15 किलो के कैन की कीमत बढ़कर 3050 रुपए तक बोली जा रही है। आने वाले दिनों में सरकार ने यदि काबू नहीं किया तो दाम 3200 तक जाने की संभावना है।