
जयपुर। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बेटा पैदा करने के तरीके बताने वाली 1000 वेबसाइट्स को प्रतिबंधित कर दिया है। यह जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव (आरसीएच) मीरा श्रीवास्तव ने बुधवार को जयपुर के आरएएस क्लब सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में दी। उन्होंने कहा कि इन वेबसाइट पर बेबी ब्वॉय पैदा करने के लिए विभिन्न प्रकार के वीडियो या अन्य तरह के कंटेंट उपलब्ध थे। उन्होंने कहा कि राज्यों को ऐसी वेबसाइट्स को चिन्हित कर सहयोग पोर्टल के माध्यम से ब्लॉक करवाने की कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने "लडका-लड़की बराबर है, तो पूछना क्यों" स्लोगन पर आधारित अभियान के साथ ही जागरूकता अभियान को और भी प्रभावी तरीके से किए जाने पर जोर दिया। संयुक्त सचिव ने कहा की सोनोग्राफी मशीनों के रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण के लिए एक टाइम फ्रेम तैयार किया जाना आवश्यक है। समय के साथ आमजन में बेटी बेटा एक समान की धारणा को बदलने के लिए और भी अपडेट होकर प्रयास किया जाना चाहिए। अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक एचएचएम डॉ. अमित यादव ने कहा कि नागौर में बालिका वाटिका नवाचार का उदाहरण देते हुए कहा कि अन्य जिलों में भी ऐसे नवाचार किए जाएं। केंद्रीय उपायुक्त पीसीपीएनडीटी डॉक्टर पद्मिनी कश्यप ने कहा कि राजस्थान में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत किया जा रहे प्रयासों का परिणाम एसआरएस के आंकड़ों में देखने को मिल रहा है। एसआरएस वर्ष 2021-23 के आंकड़ों के अनुसार अभी राजस्थान में लिंगानुपात 921 है।
Published on:
24 Dec 2025 07:39 pm
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