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5 महीनों में 50 कारीगरों की मदद से बनाई 31 फुट की कृष्ण प्रतिमा, नाथद्वारा में हुई स्थापित

मूर्तिकार पद्मश्री अर्जुन प्रजापति की परंपरा की डोर थामकर आगे बढ़ रहे उनके मूर्तिकार पुत्र राजेन्द्र प्रजापति ने हाल ही में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अंगुली पर धारण किए गोवर्धन पर्वत की एक विशाल अनूठी प्रतिमा का निर्माण कर नाथद्वारा आने वाले देश-विदेश के हजारों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।

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इमरान शेख़
मूर्तिकार पद्मश्री अर्जुन प्रजापति की परंपरा की डोर थामकर आगे बढ़ रहे उनके मूर्तिकार पुत्र राजेन्द्र प्रजापति ने हाल ही में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अंगुली पर धारण किए गोवर्धन पर्वत की एक विशाल अनूठी प्रतिमा का निर्माण कर नाथद्वारा आने वाले देश-विदेश के हजारों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। प्रजापति की बनाई यह अनूठी प्रतिमा शुक्रवार को नाथद्वारा के ठीक पहले लगी भगवान शिव की विशालकाय प्रतिमा के दांई ओर की सड़क के उस पार स्थापित की गई। इस अनूठे शिल्प की परिकल्पना जाने माने आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया की है।
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5 महीने, 50 कारीगर, 31 फुट की कृष्ण प्रतिमा और 10 फुट का गोवर्धन पर्वत
राजेन्द्र प्रजापति ने बताया कि उन्होंने इस प्रतिमा का निर्माण 50 कारीगरों की मदद से 5 महीने में पूरा किया। इसमें भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा 31 फुट की है और उनकी कनिष्ठ अंगुली पर बिना किसी अन्य बेस के 10 फुट हाइट, 21 फुट चौड़ाई और 12 फुट के गोलाकार व्यास वाले विशाल गोवर्धन पर्वत को स्थापित किया है। प्रतिमा के एक हाथ में शंख, दो हाथों में बांसुरी और चौथे हाथ की अंगुली पर विशालकाय गोवर्धन पर्वत स्थापित है। नाथद्वारा आने वाले लोगों को मीलों दूर से ही इसके दर्शन होने लग जाते हैें।
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क्ले मॉडलिंग और कास्टिंग जयपुर में असेम्बलिंग नाथद्वारा में
संपूर्ण प्रतिमा गन मैटल की बनी है, इसकी क्ले मॉडलिंग और उसके बाद गन मेटल कास्टिंग का काम जयपुर में किया गया तथा उसकी असेम्बलिंग का काम नाथद्वारा में ही मूर्ति स्थापना स्थल पर किया गया। इस काम में एक महीने का अतिरिक्त समय और लगा।