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जयपुर

राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं खूब बढ़ीं, मगर गांवों में आज भी स्पेशियलिटी-सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं नहीं : गजेन्द्र सिंह

कांग्रेस सरकार की योजनाओं की कर रहे समीक्षा, खामियां दूर कर जनता के लिए बनाएंगे अधिक उपयोगी

जयपुरJan 15, 2024 / 12:35 pm

Vikas Jain

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राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं तो खूब बढ़ीं, लेकिन आज भी गांवों और कस्बों में स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं का अभाव है। जिसके कारण मरीजों को बड़े शहरों के अस्पतालों में आना पड़ रहा है। यह कहना है कि प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर का। विभाग का कार्यभार संभालने के बाद इन दिनों स्वास्थ्य मंत्री विभाग की बैठकें लेकर योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। इस बीच राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार का रूख केन्द्र की योजनाओं के प्रति नकारात्मक रहा। लेकिन अब भाजपा सरकार दुर्भावना पूर्वक राज्य की किसी भी जनकल्याणकारी योजना को बंद नहीं करेगी, बल्कि उनकी समीक्षा कर खामियों को दूर करेगी।
उन्होंने कहा कि कई योजनाओं के बावजूद राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में अभी काफी काम करने की जरूरत है। इसमें मुख्य काम दुरस्थ इलाकों में मेनपॉवर की कमी को दूर करना है।

सवाल : नई सरकार का नया टास्क ?
जवाब : प्रदेश के हर नागरिक को घर के नजदीक स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हों। गांव-ढाणी तक स्वास्थ्य का ढांचा मजबूत हो। पैसे के अभाव में किसी रोगी को पीड़ा नहीं झेलनी पड़े। हमारा प्रयास रहेगा कि केन्द्र प्रवर्तित स्वास्थ्य योजनाओं और राज्य के स्वास्थ्य कार्यक्रमों का पूरा लाभ जनता तक पहुंचे।
सवाल : आपका विभाग को लेकर क्या विजन है, कुछ अलग करना चाहते हैं ?
जवाब : चिकित्सा के क्षेत्र में अभी बहुत काम करने की जरूरत है। पहले से स्वास्थ्य योजनाएं बढ़ी हैं, लेकिन अभी भी गांवों और कस्बों में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है। हमारा प्रयास रहेगा कि हम निचले स्तर तक स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा पाएं, ताकि लोगों को विशेषज्ञ उपचार के लिए बड़े शहरों में नहीं आना पड़े।
सवाल : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं का क्या करेंगे ?
जवाब : हम पूववर्ती सरकार की योजनाओं और कार्यकमों की समीक्षा कर रहे हैं। दुर्भावना से किसी भी जनकल्याणकारी योजना को बंद नहीं करेंगे। हमारा प्रयास रहेगा कि पुरानी योजनाओं की खामियों को दूर किया जाए और उन्हें जनता के लिए अधिक उपयोगी बनाया जाए, ताकि लोगों को कागजी नहीं, बल्कि वास्तविक रूप में उनका लाभ मिले।
सवाल : आप अपने लिए विभाग में क्या बड़ी चुनौती मानते हैं ?
जवाब : पूर्ववर्ती सरकार के समय पेपर लीक की घटनाओं और इच्छा शक्ति के अभाव में भर्तियां नहीं हो सकी। चिकित्सा महकमें में भी बड़ी संख्या में भर्तियां अटकी रहीं। इसके चलते दुरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू संचालन में मानव संसाधन की कमी देखने में आई है। समय पर भर्तियों के काम को हमने चुनौती के रूप में लिया है। साथ ही केन्द्र प्रवर्तित स्वास्थ्य योजनाओं को लेकर भी पूर्ववर्ती सरकार का रूख नकारात्मक रहा। राज्यों को केन्द्र से स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन के लिए बड़ी मदद मिलती है। हमारा प्रयास रहेगा कि केन्द्र से मिलने बजट के एक-एक पैसे का सदुपयोग हो।
सवाल : ब्यूरोक्रेसी से हर सरकार में टकराव होते रहे हैं, आप कैसे हैंडल करेंगे ?
जवाब : राजनीतिक नेतृत्व नीतिगत निर्णय लेता है और ब्यूरोक्रेसी उसे जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक लागू करती है। हमारी सरकार का विजन स्पष्ट है और गुड गवर्नेस में ब्यूरोक्रेसी का सहयोग लेना जानती है। स्वास्थ्य विभाग की पहली ही बैठक में विभागीय अधिकारियों ने जो प्रतिबद्धता जताई है, उससे मैं आश्वस्त हूं कि स्वास्थ्य महकमा स्वस्थ सोच के साथ काम करेगा।

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