राजस्थान में भी हो चुका बड़ा सियासी ड्रामा, उस समय भाजपा के संकटमोचक बने थे दिग्विजय सिंह मामले के अनुसार अग्रवाल फार्म निवासी रामगोपाल गुप्ता ने सितंबर 2016 में परिवाद पेश किया था। परिवादी का कहना था कि उसने वर्ष 2010-11 की आइटीआर फाइल की थी और 50 हजार रुपए का चैक एचडीएफसी बैंक के जरिए आयकर विभाग में जमा कराया था।
दौसा जिले के भाई-बहन एक साथ बने जज, सोनिका ने भी रोशन किया नाम जनवरी 2016 में आयकर विभाग की ओर से मिले पत्र में पता चला कि 2010-11 की आयकर राशि 44620 रुपए बकाया है। एसबीआइ ने जवाब दिया कि परिवादी से उसका सीधा कोई संबंध नहीं है और परिवाद खारिज किया जाए।
राजस्थान के हर जिले के किसानों के लिए खास खबर, 31 दिसंबर से पहले करें योजना के लिए आवेदन जांच में पता चला कि एसबीआइ ने उक्त राशि परिवादी के पेन नंबर के बयाय अन्य किसी के नंबर से जमा करवा दी थी। जिसकारण परिवादी की आइटीआर में राशि क्रेडिट नहीं हुई।