कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत रबी 2019-20 मौसम में बोई जाने वाली गेहूं, जो, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा, धनिया, इसबगोल, मेथी, रबी मक्का एवं मसूर फसल को अधिसूचित किया गया है।
योजना का क्रियान्वयन राज्य के सभी 33 जिलों में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने सहकारी बैंक एवं सहकारी समिति, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यवसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक आदि वित्तीय संस्थानों से रबी 2019-20 मौसम के लिए फसल ऋण लिया हो उनके लिए यह योजना अनिवार्य है।
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जो किसान आगामी 31 दिसंबर तक ऋण लेंगे उनके लिए भी अनिवार्य है। गैर ऋणी काश्तकारों के लिए स्वैच्छिक आधार पर बीमा किए जाने का प्रावधान है। वह अपनी फसल का बीमा नजदीकी बैंक शाखा एवं कॉमन सर्विस सेंटर के साथ-साथ बीमा कंपनी के अधिकृत बीमा एजेंट के माध्यम से 31 दिसंबर तक करा सकते हैं।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को साल 2016 में लॉन्च किया गया था। इस योजना में फसल के साथ-साथ बुवाई के पूर्व और फसल कटाई के बाद के नुकसान को वहन किया जाता है। साथ ही इस योजना में खरीफ में अधिकतम 2 फीसदी, रबी में 1.5 फीसदी और कमर्शियल व बागवानी फसलों के लिए मात्र 5 फीसदी प्रीमियम किसानों से लिया जाता है। जबकि शेष प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारें वहन करती हैं। वहीं, किसान अपनी उपज का औसतन 150 फीसदी तक फसल बीमा करा सकते हैं। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक यह योजना किसानों को आर्थिक संकट से बचा रही है। जिसके चलते बड़ी संख्या में किसान इस योजना से जुड़ रहे हैं।