अस्थमा रोगी हुए दोगुने, सांस लेने में हो रही दिक्कत
अस्थमा भवन के निदेशक डॉक्टर वीरेन्द्र सिंह के अनुसार इस बार हवा में प्रदूषण एक महीने पहले ही होना शुरू हो गया। अमूमन यह दिवाली और उसके बाद होता है। इन दिनों में ठंड बढऩे के साथ हवा की गति धीमी हो जाती है। धूल और अन्य कण भी वातावरण में साफ दिखाई देते हैं। ऐसे में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। नवंबर के बाद जनवरी तक यह स्थिति रहती है, लेकिन अक्टूबर में ही ऐसे हालात हो गए। अभी अस्थमा मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। कोविड-19 को देखते मरीजों को प्रदूषित हवा से बचना चाहिए।
जयपुर के आदर्शनगर में प्रदूषण अधिक
राजधानी के आदर्शनगर इलाके में प्रदूषण स्तर सर्वाधिक है। पूरा इलाका ओरेंज में जोन में शामिल है। यही पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से अधिक है। इसके अलावा पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र की बात करें तो यहां पर एक्यूआइ 183 है। वहीं, शास्त्रीनगर में 172 है।
प्रदेश के शहरों की हवा की स्थिति
शहर : वायु गुणवक्ता सूचकांक
भिवाड़ी : 336
जयपुर : 206
जोधपुर : 194
कोटा :133
पाली : 92
अलवर : 89
अजमेर : 76
उदयपुर : 61
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ऐसे समझें आंकड़ों को
सूचकांक नतीजे
0-50 : अच्छा, सबसे कम प्रभाव
50-100 : संतोषजनक, जिन लोगों ने पहले से बीमारी, उन्हें सांस लेने में दिक्कत
101-200 : मोडरेट, बीमार लोगों को सांस लेने अधिक दिक्कत
201-300 : खराब, ज्यादा देर प्रदूषित हवा में सांस लेने में खतरा
301-400 : ज्यादा देर हवा में रहने से सांस संबंधि बीमारी होना
401-500 : स्वस्थ्य लोगों पर प्रभाव, बीमारी की हालत और खराब हो जाती