व्यापारियों का कहना है कि नोटबंदी के बाद लोगों ने प्लास्टिक मनी का उपयोग समझा और उससे भुगतान करना शुरू कर दिया। व्यापारियों की मानें तो नौकरीपेशा सबसे ज्यादा प्लास्टिक मनी से भुगतान करना पसंद कर रहे हैं।
पैसे ले जाने का झंझट नहीं
जौहरी बाजार में ज्वैलरी खरीदने आए राकेश सोडानी कहते हैं कि पहले डेबिट और मोबाइल वॉलेट से खरीदारी करने में डरता था, लेकिन बैंककर्मियों ने इस बारे में समझाया, उसके बाद से बड़ा लेनदेन ऑनलाइन करना ही शुरू कर दिया था। इसका फायदा यह हुआ कि पैसा साथ ले जाने का झंझट ही खत्म हो गया। कुछ यही कहना था दौसा से आतिशबाजी खरीदने आए अवधेश शर्मा का। वे बताते हैं कि पहली बार है कि मैं एक रुपया नगद लेकर नहीं आया। 50 हजार रुपए से अधिक की खरीदारी की और बैंक के मोबाइल वॉलेट से भुगतान कर दिया।
जौहरी बाजार में ज्वैलरी खरीदने आए राकेश सोडानी कहते हैं कि पहले डेबिट और मोबाइल वॉलेट से खरीदारी करने में डरता था, लेकिन बैंककर्मियों ने इस बारे में समझाया, उसके बाद से बड़ा लेनदेन ऑनलाइन करना ही शुरू कर दिया था। इसका फायदा यह हुआ कि पैसा साथ ले जाने का झंझट ही खत्म हो गया। कुछ यही कहना था दौसा से आतिशबाजी खरीदने आए अवधेश शर्मा का। वे बताते हैं कि पहली बार है कि मैं एक रुपया नगद लेकर नहीं आया। 50 हजार रुपए से अधिक की खरीदारी की और बैंक के मोबाइल वॉलेट से भुगतान कर दिया।
ऑनलाइन और चेक से भुगतान बढ़ा
12 से अधिक कम्पनियो के मोबाइल वॉलेट का उपयोग कर रहे हैं ग्राहक
10-12त्न ही प्लास्टिक मनी से करते थे नोटबंदी से पहले भुगतान
50 प्रतिशत तक बढ़ी ऑनलाइन और चेक से भुगतान करने वालों की संख्या
12 से अधिक कम्पनियो के मोबाइल वॉलेट का उपयोग कर रहे हैं ग्राहक
10-12त्न ही प्लास्टिक मनी से करते थे नोटबंदी से पहले भुगतान
50 प्रतिशत तक बढ़ी ऑनलाइन और चेक से भुगतान करने वालों की संख्या
इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की खरीदारी
त्योहारी सीजन के बाजार की बात करें तो लोग सबसे ज्यादा खरीदारी इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की करते हैं। इन पर मिलने वाले ऑफर और डेबिट और के्र्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर ऑफर के साथ साथ अतिरिक्त भी छूट मिलती है। यही वजह है कि इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में ग्राहक प्लास्टिक मनी का ज्यादा उपयोग कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक दुकान के मालिक सत्य नारायण गुप्ता की मानें तो हर दूसरा ग्राहक नगद पैसा देना पसंद नहीं करता है। यही स्थिति मोबाइल के बाजार में भी देखने को मिल रही है। एक मोबाइल शॉप के मालिक अक्षय बताते हैं कि मोबाइल शॉप पर तो 30 फीसदी ही लोग नगद भुगतान करना पसंद कर रहे हैं।
त्योहारी सीजन के बाजार की बात करें तो लोग सबसे ज्यादा खरीदारी इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की करते हैं। इन पर मिलने वाले ऑफर और डेबिट और के्र्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर ऑफर के साथ साथ अतिरिक्त भी छूट मिलती है। यही वजह है कि इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में ग्राहक प्लास्टिक मनी का ज्यादा उपयोग कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक दुकान के मालिक सत्य नारायण गुप्ता की मानें तो हर दूसरा ग्राहक नगद पैसा देना पसंद नहीं करता है। यही स्थिति मोबाइल के बाजार में भी देखने को मिल रही है। एक मोबाइल शॉप के मालिक अक्षय बताते हैं कि मोबाइल शॉप पर तो 30 फीसदी ही लोग नगद भुगतान करना पसंद कर रहे हैं।
पहले से बढ़ी है जागरुकता
भले ही लोगों ने परेशान होकर प्लास्टिम मनी का उपयोग करना शुरू किया हो, लेकिन समय के साथ लोगों में जागरुकता भी बढ़ी है। इसके लिए बैंककर्मियों ने लोगों को कैम्प लगा जागरुक तक किया है। इसका असर ग्राहकों में देखने को मिल रहा है। बड़े से लेकर छोटे भुगतान के लिए लोग मोबाइल वॉलेट का उपयोग करना पसंद कर रहे हैं।
भले ही लोगों ने परेशान होकर प्लास्टिम मनी का उपयोग करना शुरू किया हो, लेकिन समय के साथ लोगों में जागरुकता भी बढ़ी है। इसके लिए बैंककर्मियों ने लोगों को कैम्प लगा जागरुक तक किया है। इसका असर ग्राहकों में देखने को मिल रहा है। बड़े से लेकर छोटे भुगतान के लिए लोग मोबाइल वॉलेट का उपयोग करना पसंद कर रहे हैं।
…तो लगवा ली स्वैप मशीन
दुकान कपड़ों की हो या फिर परचूनी की। यहां पर भी लोग एक बार मोबाइल वॉलेट या फिर डेबिट-के्रडिट कार्ड से पैसा देना ही पसंद करते हैं। कपड़ा व्यापारी अशोक अग्रवाल कहते हैं कि जब भी कोई ग्राहक 1000 रुपए से ऊपर की खरीदारी करता तो डेबिट कार्ड से भुगतान करने की बात कहता। इसको देखते हुए दुकान पर स्वैप मशीन लगवाई है।
दुकान कपड़ों की हो या फिर परचूनी की। यहां पर भी लोग एक बार मोबाइल वॉलेट या फिर डेबिट-के्रडिट कार्ड से पैसा देना ही पसंद करते हैं। कपड़ा व्यापारी अशोक अग्रवाल कहते हैं कि जब भी कोई ग्राहक 1000 रुपए से ऊपर की खरीदारी करता तो डेबिट कार्ड से भुगतान करने की बात कहता। इसको देखते हुए दुकान पर स्वैप मशीन लगवाई है।