जयपुर। जेडीए (jda) और रामबाग (rambag) चौहारे (crossing) पर दुर्घटनाओं (accidents) पर रोक लगाने के लिए फ्लाइओवर (flyover) ही पुख्ता उपाय है। इन प्रमुख चौराहों पर हो रही दुर्घटनाओं के पीछे प्रमुख कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) (visibility) का कम होना सामने आया है। रोड सेफ्टी कमेटी के विशेषज्ञों ने जेडीए व रामबाग सर्किल के निरीक्षण के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। इन चौहारों पर ट्रैफिक का दबाव 9 हजार से 11 हजार पीसीयू है।
रोड सेफ्टी कमेटी के विशेषज्ञों ने जेडीए और रामबाग सर्किल निरीक्षण और बैठक कर माना है कि दोनों चौराहों पर दुर्घटना का प्रमुख कारण विजिबिलिटी कम होना है। विजिबिलिटी नहीं होने से अलग-अलग दिशाओं से आ रहे वाहन चालकों को पता नहीं चलता, इसके चलते ही दुर्घटनाएं हो जाती है। ऐसे में अब इन चौराहों पर बने ट्राइएंगल पर लगी रैलिंग की ऊंचाई व सर्विल लेन की चौड़ाई को कम करने का निर्णय किया गया है। कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
जयपुर शहर के प्रमुख चौराहों एवं सर्किलों पर दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में स्टेयरिंग कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी के अण्डर में ही सेफ्टी कमेटी बनाई गई। इस सेफ्टी कमेटी ने एसोसिएट डायरेक्टर सीईटजी व एलएण्डटी द्वारा बनाए डिजाईन्स का अध्ययन कर जेडीए व रामबाग सर्किल पर मौके का निरीक्षण किया। कमेटी अपनी रिपोर्ट स्टेयरिंग कमेटी को देगी। कमेटी रामबाग सर्किल पर अम्बेडकर सर्किल से आने वाले मार्ग व नगर निगम मुख्यालय टोंक रोड से आने वाले मार्ग पर बनी सर्विस लेन की चौड़ाई को कम करने और रामबाग सर्किल पर बनी पुलिस गुमटी को हटाने के अलावा उसके पीचे बने ट्राइएंगल की रैलिंग की ऊंचाई कम करने, वहां लगे पेड-पौधों की छंटाई करने और चौराहों पर चारो ओर लगी रैलिंग के हाईट को कम करने का सुझाव देगी। इसी तरह जेडीए चौराहे पर जेडीए मुख्यालय के पास बने ट्राइएंगल व शांतिपथ मार्ग से यूनिवसिर्टी की तरफ जाने वाले मार्ग पर बनी सर्विल लेन के ट्राइएंगल की रैलिंग की हाईट को कम करने का सुझाव दिया जाएगा।