इससे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को कर्फ्यू पास बांटे गए। श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई। लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, लेकिन राज्य प्रशासन ने कर्फ्यू से इनकार किया है। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir ) के घटनाक्रम को देखते हुए राजस्थान में भी हलचल तेज हो गई है। सुरक्षा के मद्देनजर उत्तर-पश्चिमी रेलवे के बीकानेर मंडल में बीकानेर, अनूपगढ़ और श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ को यात्रियों और सामान की सघन चैकिंग करने के निर्देश दिए है।
खासकर उत्तर भारत में आवागमन करने वाली जम्मू-तवी सहित सभी ट्रेनों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। rpf को सीमावर्ती रेलवे स्टेशन हिंदुमलकोट, श्रीकरणपुर, केसरीसिंहपुर, रायसिंहनगर, गजसिंहपुर रेलवे स्टेशन पर भी चौकसी रखने के लिए कहा गया है। मेटल डिटेक्टर व डॉग स्क्वॉड से यात्रियों के सामान की जांच शुरू कर दी है।
राज्यपाल सतपाल मलिक ( satpal malik ) की ओर से आधी रात बाद बुलाई गई आपात बैठक में डीजीपी, सीएस व गृह सचिव शामिल हुए। सोमवार सुबह 9:30 बजे पीएम आवास पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी। सुरक्षा पर केंद्रीय कैबिनेट समिति की बैठक भी बुलाई है। इससे पहले राज्य में डिविजनल चीफ सेक्रेटरी से लेकर थानेदार तक को सैटेलाइट फोन दिए। इससे कयास हैं कि मोबाइल सेवाएं बंद हो सकती हैं।
इधर नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) ने सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा सहित उच्च अधिकारियों की बैठक ली। समझा जाता है कि शाह ने 60 दिनों में घाटी को आतंकमुक्त करने का एक्शन प्लान बनाया है। सरकार चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव बर्फबारी से पूर्व हो जाएं।
अल्लाह हमें बचाए
लगता है कि आधी रात को मुझे नजरबंद कर दिया गया है। अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया शुरू की है। सच जानने का कोई तरीका नहीं। अल्लाह हमें बचाए।
उमर अब्दुल्ला , पूर्व मुख्यमंत्री
आवाज दबा रहे
क्या विडंबना है कि हम जैसे चुने हुए जनप्रतिनिधियों को, जो शांति के लिए लड़े, नजरबंद कर दिया गया है। दुनिया देख रही है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है।
महबूबा मुफ्ती, पीडीपी प्रमुख