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फिल्में चलना या फ्लॉप होना लाइफ का पार्ट- कबीर खान

जब भी मैं अपनी कोई मूवी देखता हूं कि तो उन्हें देखकर कहीं ना कहीं लगता था कि फिल्म के किसी सीन में कोई बदलाव कर सकता था, यहां इसे दूसरी तरह से शूट किया जा सकता था

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Making films or flopping is a part of life - Kabir Khan

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जयपुर।

फिल्म मेकर कबीर खान का कहना है कि एक फिल्म मेकर हमेशा वहीं फिल्म बनाना चाहता है जिसे देखना उसे खुद को पसंद हो। काबुल एक्सपे्रेस मेरे लिए हमेशा से पंसदीदा फिल्म रही है। सूचना और प्रोद्यौगिकी विभाग की ओर से आयोजित किए जा रहे आईटी कार्निवाल के दूसरे दिन जवाहर कला केंद्र में आयोजित एक सेशन में शामिल हुए।


अपनी फिल्म मेकिंग के सफर को बयां करते हुए उन्होंने तालिबान का जिक्र भी किया। उन्होंने बताया कि जब तक काबुल एक्सप्रेस की शूटिंग कर रहे थे तो किस तरह से उन्हें फिल्म की शूटिंग रोकनी पड़ी। वजह थी तालिबान, उस दौरान हमें इंटरनेशनल मीडिया तक कवर कर रहा था और यह सब तालिबान की निगाह में था जिसके चलते हमें कुछ थ्रेट भी मिले और एम्बेसी ने हमें शूटिंग रोकने के लिए कहा।
अपनी पसंदीदा फिल्म को लेकर उनका कहना था कि जब भी मैं अपनी कोई मूवी देखता हूं कि तो उन्हें देखकर कहीं ना कहीं लगता था कि फिल्म के किसी सीन में कोई बदलाव कर सकता था, यहां इसे दूसरी तरह से शूट किया जा सकता था लेकिन फिल्म 83 एक ऐसी मूवी है जिसमें मैं कुछ बदलना नहीं चाहता। अपने घूमने के शौक को लेकर कबीर खान का कहना था कि टे्रवल करना मेरे लिए बेहद जरूरी है, मेरा मानना है कि इससे इंसान बेहतर होता है, मेरे लिए ट्रेवलिंग पैशन की तरह है। इसके अलावा मुझे फोटोग्राफी का भी शौक है।
मुझे लगता है कि इससे मिलने वाले अनुभव से मूवी के लिए भी नए आइडियाज मिलते हैं। उन्होंने बताया कि फिल्म बजरंगी भाईजान के लिए चांद नवाब का आइडिया उन्हें यूट्यूब पर एक वीडियो देखकर आया था और इस मूवी को बनाने की वजह एक छोटी बच्ची थी जिसकी खबर उन्होंने पढ़ी जो अपने इलाज के लिए दिल्ली आई थी। फिल्म का प्लॉट वहीं से लिया गया।
सलमान खान के साथ काम करने के अपने एक्सपीरियंस को लेकर उन्होंने बताया कि सलमान के साथ तीन मूवी की। जब हमने पहली मूवी साथ की थी उस समय कुछ ऑरग्यूमेंट्स होते थे लेकिन वह फिल्म की बेहतरी के लिए ही थे और यही वजह थी कि हमने एक साथ तीन फिल्में की। वहीं जब उनसे फिल्म ट्यूबलाइट के नहीं चलने को लेकर पूछा गया तो कबीर खान का कहना था कि कभी कभी ऐसा होता है कि हम जो बनाना चाहते हैं वह नहीं बन पाता, मेरी दूसरी फिल्मों की तुलना में यह फिल्म नहीं चल पाई लेकिन बतौर अभिनेता सलमान का एक नया रूप इसमें देखने को मिला है। हमने इस फिल्म के लिए काफी मेहनत की थी इसलिए हम दोनों ही काफी निराश हुए थे। हमारे लिए फिल्म की जर्नी इम्र्पोटेंट है, उसका हिट या फ्लॉप होना लाइफ का पार्ट है।
पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म पठान की कंट्रोवर्सी को लेकर उनका कहना था कि वह ऐसी कंट्रोवर्सी को सीरियसली नहीं लेते। हम आज सेाशल मीडिया के दौर में जी रहे हैं। मेरा मानना है कि अधिकांश विवाद फिजूल की बातों पर ही होते हैं और यह हम देख चुके हैं। पठान को लोगों का प्यार मिला है। कंट्रोवर्सी ना तो फिल्म को हिट करती है ना ही फ्लॉप। अगर ऑडियंस को मूवी पसंद नहीं आई तो कुछ भी करें वह नहीं चलेगी।