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राजस्थान मदरसा बोर्ड: घोषणा के बावजूद 16 माह बाद भी नसीब नहीं हुए सदस्य, अधरझूल में 2 लाख बच्चों की पढ़ाई

वर्तमान में मदरसा बोर्ड में केवल अध्यक्ष कार्यरत हैं। मदरसा पाठ्यक्रम, परीक्षाओं का संचालन, बजट संबंधी मामले और मदरसों की समस्याओं समेत अन्य मामलों में बोर्ड की खास भूमिका होती है। लेकिन कोरम पूरा न होने के कारण प्रशासनिक कामकाज लगातार प्रभावित हो रहा है।

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जयपुर

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Abdul Bari

Jul 16, 2023

राजस्थान मदरसा बोर्ड: घोषणा के बावजूद 16 माह बाद भी नसीब नहीं हुए सदस्य, अधरझूल में 2 लाख बच्चों की पढ़ाई

राजस्थान मदरसा बोर्ड: घोषणा के बावजूद 16 माह बाद भी नसीब नहीं हुए सदस्य, अधरझूल में 2 लाख बच्चों की पढ़ाई

अब्दुल बारी/जयपुर. राजस्थान मदरसा बोर्ड पर प्रदेश के 2 लाख बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी है, लेकिन उसका कोरम राज्य सराकार साढ़े चार सालों में भी पूरा नहीं कर पाई। फरवरी 2022 में सरकार ने बोर्ड में 7 सदस्यों की घोषणा की। लेकिन आज तक यह घोषणा अमलीजामा नहीं पहन पाई। पत्रिका ने मामले में पड़ताल की तो सामने आया कि सदस्यों की घोषणा के दौरान राज्य सरकार ने मदरसा बोर्ड एक्ट के मुताबिक सदस्यों की कैटेगरी का ध्यान नहीं रखा। ऐसे में अब तक मामला ठंडे बस्ते में है। यह घोषणा पूरी होगी या नहीं यह संशय बरकरार है।

कोरम पूरा न होने के कारण यह पड़ रहा असर

वर्तमान में मदरसा बोर्ड में केवल अध्यक्ष कार्यरत हैं। मदरसा पाठ्यक्रम, परीक्षाओं का संचालन, बजट संबंधी मामले और मदरसों की समस्याओं समेत अन्य मामलों में बोर्ड की खास भूमिका होती है। लेकिन कोरम पूरा न होने के कारण प्रशासनिक कामकाज लगातार प्रभावित हो रहा है।


जानिए, क्यों अटका मामला

मदरसा बोर्ड एक्ट के अनुसार बोर्ड में एक अध्यक्ष, 9 पदेन और 11 मनोनीत सदस्य होने चाहिए। मनोनीत में एक वि.वि. के उर्दू, अरबी या फारसी के अध्यापन संकाय से, छह मदरसा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष (2 महिलाएं आवश्यक), चार मुस्लिम समाज के सामाजिक कार्यकर्ता (एक महिला आवश्यक) होने चाहिए।
दरअसल, सरकार ने 7 सदस्यों की घोषणा करते समय इन कैटेगरी का ध्यान नहीं रखा। केवल नामों की घोषणा की, इनमें कोई महिला भी नहीं है। इसी चूक के कारण 15 माह गुजर जाने के बाद भी उच्च स्तर पर मामला अधरझूल में है।

इनकी हुई थी घोषणा: सीकर से हसन महमूद कासमी, बीकानेर से सलीम सोढा, टोंक से सईद सउदी, जोधपुर से मोहम्मद अतीक, चूरू से लाल मोहम्मद, जयपुर से असरार कुरैशी और रहमतुल्लाह कासमी को सदस्य बनाने की घोषणा हुई थी।

मामले पर बोलने से कतराए, कहा- सरकार तुरंत अधरझूल को खत्म करे

सरकार ने जिन लोगों की सदस्य बनाए जाने की घोषणा की है। पत्रिका ने उनसे संपर्क किया तो ज्यादातर इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। एक सदस्य ने कहा कि सरकार ने अब तक न तो हमें नियुक्ति दी और न ही इस घोषणा को रद्द किया। ऐसे में हमारा यही कहना है कि इस अधरझूल को सरकार तुरंत खत्म करे।


इनका कहना है...

उच्च स्तर का मामला है

बोर्ड सदस्यों के मामले में फाइल सरकार के स्तर पर है। इनकी कैटेगिरी तय करना भी उच्च स्तर का मामला है। इन 7 की घोषणा भी मेरे आने से पूर्व हुई थी। पूरे मामले पर सरकार से मार्गदर्शन लूंगा।

एमडी चौपदार
अध्यक्ष, मदरसा बोर्ड

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पत्र लिख चुके हैं...

मदरसा बोर्ड के लिए जिन 7 सदस्यों की सरकार ने घोषणा की है, उनकी नियुक्ति के प्रशासनिक आदेश नहीं हुए हैं। हालांकि हमारी ओर से इस मामले में पत्र लिखा जा चुका है।

जमील कुरैशी
निदेशक, अल्पसंख्यक मामलात विभाग

(फाइल फोटो)


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