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Good News : चिड़ियाघर में पहली बार हुआ चमत्कार, 11 में से एक अंडे में से ही निकला चूजा, शुतुरमुर्ग बनी मां

Captive Breeding Success : चमत्कारिक ब्रीडिंग: अवन्तिका के अंडे से निकला चूजा, वन विभाग में खुशी।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Mar 17, 2025

जयपुर। जयपुर के चिड़ियाघर से एक बड़ी और खुशी की खबर सामने आई है। यहां रह रही मादा शुतुरमुर्ग अवन्तिका ने एक स्वस्थ चूजे को जन्म दिया है। इस ऐतिहासिक घटना को लेकर चिड़ियाघर प्रशासन में खुशी का माहौल है, क्योंकि दावा किया जा रहा है कि यह प्रदेश में शुतुरमुर्ग की पहली सफल कैप्टिव ब्रीडिंग है। चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, राजस्थान के किसी भी चिड़ियाघर में इससे पहले शुतुरमुर्ग की कैप्टिव ब्रीडिंग इतनी सफल नहीं हुई थी।

11 अंडों में से निकला पहला चूजा

वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अशोक तंवर ने बताया कि शुतुरमुर्ग अवन्तिका ने 13 जनवरी को कुल ग्यारह अंडे दिए थे। चिड़ियाघर प्रशासन और वन्यजीव चिकित्सकों की कड़ी निगरानी और देखभाल के बाद अब उनमें से एक अंडे से चूजा निकल आया है। शुतुरमुर्ग का यह बच्चा पूरी तरह स्वस्थ बताया जा रहा है। विशेषज्ञों की टीम लगातार अवन्तिका और उसके चूजे पर नजर रख रही है। चिकित्सकीय जांच और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से उनके स्वास्थ्य और गतिविधियों की पूरी निगरानी की जा रही है।

विशेष देखभाल और डाइट पर ध्यान

एसीएफ प्राची चौधरी ने बताया कि मादा शुतुरमुर्ग अवन्तिका और उसके चूजे को विशेष निगरानी में रखा गया है। उनकी डाइट पर खास ध्यान दिया जा रहा है ताकि शुतुरमुर्ग का बच्चा पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित रहे। वन्यजीव विशेषज्ञ इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत सहायता दी जा सके।

कैसे हुआ ये चमत्कार?

शुतुरमुर्ग के इस जोड़े को मार्च 2021 में चेन्नई के चिड़ियाघर से जयपुर लाया गया था। इसके बाद से चिड़ियाघर प्रशासन लगातार इनकी देखभाल कर रहा था। अवन्तिका की कैप्टिव ब्रीडिंग का यह मामला राजस्थान में पहली बार देखने को मिला है। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, शुतुरमुर्ग की कैप्टिव ब्रीडिंग बेहद दुर्लभ होती है और इसके लिए विशेष माहौल और देखभाल की जरूरत होती है।

प्रदेश में इतिहास रचने वाला क्षण

चिड़ियाघर प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने इसे एक बड़ी सफलता बताया है। अवन्तिका का चूजा चिड़ियाघर के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस सफलता से प्रदेश के वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। अवन्तिका का यह चमत्कार वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।