सर्दी बढऩे और तापमान गिरने के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। प्रदेश में ईंधन के रूप में कोयला, पेट्रोकोक, डीजल के प्रयोग से छोटे साइज के तत्व (पीएम 2.5) वातावरण में बढ़ रहे हैं। वहीं नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड व अन्य रसायन बढऩे से प्रदूषण बढ़ रहा है। बुधवार शाम 4 बजे समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान भिवाड़ी में पीएम 2.5 का स्तर 467 पर रहा।
इससे पहले दिल्ली में 478 और फिरोजाबाद में 472, जबकि गुडग़ांव में 459 दर्ज किया गया। इस स्थिति को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार करने वाली बताया है। जयपुर में इसी अवधि में पीएम 2.5 का स्तर 238 रहा। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति दिल्ली जैसी तो नहीं है लेकिन अच्छी भी नहीं कही जा सकती। इसी तरह के हालात जोधपुर, अलवर और कोटा में दिखाई दे रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ये आंकड़े चेताने वाले हैं।
एक भी शहर सुरक्षित नहीं
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक राजस्थान के 7 शहरों में प्रदूषण का स्तर जांचने की सुविधा है। फिलहाल इनमें से एक भी शहर सुरक्षित या अच्छी स्थिति में नहीं है।
औपचारिक साबित हो रहे नियम-कायदे
करीब आधा दर्जन सरकारी महकमे संयुक्त रूप से प्रदूषण नियंत्रण की योजनाएं संचालित कर रहे हैं। लोगों से भारी भरकम राशि भी वसूली जा रही है। लेकिन, प्रदूषण रोकने के लिए बनाए गए नियम-कायदे महज औपचारिक साबित हो रहे हैं।
प्रदेश में प्रदूषण का कहां कितना स्तरशहर — पीएम 2.5 — पीएम 10
भिवाड़ी — 467 — गंभीर
जोधपुर — 322 — बेहद खराब
अलवर — 293 — खराब
जयपुर — 238 — खराब
कोटा — 207 — खराब
उदयपुर — 180 — मध्यम
पाली — 132 — मध्यम