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जयपुर

अब इतिहास बन गया है अजमेरी गेट पर एक था पदमार्ग

कई बार सही हुआ और कई बार बंदऐसा भी नहीं है कि अजमेरी गेट के इस पदमार्ग की तरफ प्रशासन का ध्यान नहीं गया हो। इस पदमार्ग को सुधारने के लिए पिछले वर्षों के दौरान करीब दस से अधिक बार इसे खोला गया, लेकिन कुछ दिनों बाद हालात फिर बदतर हो जाते हैं और प्रशासन इसे बंद कर देता है। फिलहात इस पर अब भी ताला लटका हुआ है। इ

जयपुरMay 20, 2024 / 03:03 pm

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कई बार हुआ बंद और कई बार शुरू

-कुछ दिनों बाद फिर से हालात बदतर

-फिलहात ताले में कैद पदमार्ग

जयपुर। शहर की ट्रेफिक व्यवस्था के हालात दिनों-दिन खराब हो रहे हैं। इन सबमें सबसे ज्यादा परेशानी आती है रोड क्रॉस करने के दौरान पैदल चलने वालों को। सडक़ पर सरपट दौड़ते चौपहिया व दुपहिया वाहनों के बीच से पैदल यात्री निकल नहीं सकते। जे्रबा कॉसिंग पर वाहन खड़े हो जाते हैं। फुटपाथ अब लगभग कहीं बचे ही नहीं है। ऐसे में प्रशासन ने पैदल चलने वालों को पदमार्ग बनाए थे, लेकिन ये भी अब केवल इतिहास ही बनकर रह गए हैं।अब ताले में फिर से कैदअजमेरी गेट पर स्थित पदमार्ग काफी उम्मीदों के साथ बनाया गया था। लेकिन इसका उपयोग आज तक सही ढंग से नहीं हो पाया है। प्रशासन का मानना है कि यहां से पैदल यात्री निकलते नहीं है, इसलिए यह धीरे-धीरे बदहाल हो जाता है। वहीं पैदल चलने वाले यात्रियों का कहना है कि यहां बदबू व गंदगी इतनी होती है कि यहां से निकलना बहुत मुश्किल होता है। विशेषतौर से महिलाओं के लिए यह मुसीबत से कम नहीं है। अब बदहाल होने के कारण टोंक रोड की तरफ इस पर ताला लगा दिया गया है।कई बार सही हुआ और कई बार बंदऐसा भी नहीं है कि अजमेरी गेट के इस पदमार्ग की तरफ प्रशासन का ध्यान नहीं गया हो। इस पदमार्ग को सुधारने के लिए पिछले वर्षों के दौरान करीब दस से अधिक बार इसे खोला गया, लेकिन कुछ दिनों बाद हालात फिर बदतर हो जाते हैं और प्रशासन इसे बंद कर देता है। फिलहात इस पर अब भी ताला लटका हुआ है। इसके सामने अब लोगों ने पार्किंग बना ली है।
सुधारने के लिए देखिए कैसे-कैसे किए प्रयास

1-करीब नौ वर्ष पहले तत्कालीन महापौर निर्मल नाहटा ने यहां अजमेरी गेट पदमार्ग में मेहंदी मार्केट खोलने की योजना बनाई थी। लेकिन वह सिरे ही नहीं चढ़ी। यहां दो गार्ड भी तैनात किए गए थे।
2-करीब दस साल पहले इस पैदल मार्ग का उपयोग करने के लिए यातायात पुलिस ने एक अनूठी पहल की थी। पहले दस राहगीरों को विशेष पुरस्कार दिया जाएगा। इसके बाद 100वें, 200वें, 300वें तथा 400वें राहगीर को पुरस्कार दिया जाएगा।
बार-बार बंद होने के 5 प्रमुख कारण

1-भूमिगत पदमार्ग में गार्ड तो लगा दिए जाते हैं, लेकिन वे वहां रहते नहीं।

2-इस पदमार्ग पर महिलाओं की सुरक्षा की चिंता रहती है। विशेषतौर से रात्रि के समय।
3-यहां हर समय भिखारियों व समाजकंटकों का जमावड़ा लगा रहता है।

4-यहां नियमित सफाई नहीं होती। चारों तरफ गंदगी पड़ी रहती है।5-यहां शराबियों का अड्डा बन जाता है। लोगों ने तो इसे खुला शौचालय तक बना दिया था।

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