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Ramganj bazar: कभी सुनाई देती थी घोड़ों की टाप, अब समस्याओं में ‘टॉप ’

रामगंज चार दीवारी के प्रमुख बाजारों में से एक है। महाराजा सवाई जयसिंह ने इसे शहर की चार चौकडिय़ों में शामिल कर बेहतरीन ढंग से बसाया था। युद्ध में विजय दिलाने वाली मां महाकाली का प्रतीक मानकर रामगंज चौपड़ ( Ramganj Chaupar ) स्थापित की गई।

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Ramganj bazar: कभी सुनाई देती थी घोड़ों की टाप, अब समस्याओं में ‘टॉप ’

Ramganj bazar: कभी सुनाई देती थी घोड़ों की टाप, अब समस्याओं में ‘टॉप ’

रामगंज चार दीवारी के प्रमुख बाजारों में से एक है। महाराजा सवाई जयसिंह ने इसे शहर की चार चौकडिय़ों में शामिल कर बेहतरीन ढंग से बसाया था। युद्ध में विजय दिलाने वाली मां महाकाली का प्रतीक मानकर रामगंज चौपड़ स्थापित की गई। घाटगेट, तोपखाना हुजूरी, रामचंद्र जी और गंगापोल चौकड़ी से जुड़े इलाके में मुसलमान और हिंदू योद्धाओं को बसाकर घाटगेट में तोपखाना और सैनिक छावनी कायम की गई। रामगंज में कभी घोड़ों की टाप और तोपों की गर्जना सुनाई देती थी, अब यहां केवल वाहनों के हॉर्न की आवाज सुनाई देती है। पूरा बाजार गंदगी, अतिक्रमण और बेतरतीब ई-रिक्शा की भरमार के कारण त्रस्त है। यहां अब हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। इसके कारण ग्राहक यहां आने से भी कतराते हैं। बरामदों में लाइट नहीं है, स्मार्ट सिटी के द्वारा रामगंज बाजार में रंग-रोगन नहीं हो पा रहा है। बाजार में प्राचीन लाडलीजी का मंदिर व छोटी व बड़ी और रहमानिया मस्जिद हैेेे। बाजार में कुल 370 दुकानें है जिनमें 350 लोग व्यापार करते है।

ये है खास:
रामगंज चौपड़ और बड़ी चौपड़ के बीच फैले बाजार से मुख्य रूप से घाटगेट, सूरजपोल, जौहरी बाजार, हवामहल बाजार और त्रिपोलिया बाजार से जुड़े हुए हंै। यहां चांदी के आभूषणों, पनवाड़ी का सामान, जूते, जयपुरी जूतियां, कुर्ते पायजामे, गर्म मसाला, मांसाहारी भोजनालय, उर्दू की पुस्तकें, कपड़ा, मनिहारी, खिलौनें, क्रॉकरी, प्लास्टिक के सामान, हैंडलूम आदि की दुकानें हैं। लोहे के खिडक़ी-दरवाजे, भवन निर्माण सामग्री, पलंग, कुर्सियां, अलमारियां और बक्से बनाने का कार्य भी खूब होता है। इसी बाजार से लगते दड़ा मार्केट में महिलाओं, बच्चों के परिधान और सौन्दर्य प्रसाधन की सैंकड़ों छोटी-छोटी दुकानें हैं। रामगंज मुयत: पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध है। राजा-रजवाड़ों के समय से ही रामगंज पतंग-डोर का सबसे बड़ा और खास बाजार माना जाता है।


बरसात में जल भराव समस्या
बारिश में जलभराव एक सबसे बड़ी समस्या है। ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं होने से ऊपरी इलाकों का पूरा पानी बाजार में भर जाता है और बाजार नदी का रूप ले लेता है। इसके कारण जाम लग जाता है और लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। सरकार को पानी के निकास के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। बारामदों में दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है वहीं सडक़ पर वेंडर्स ने कब्जा जमा रखा है। अतिक्रमण के कारण पैदल चलने वाले ग्राहकों को सडक़ पर चलना पड़ता है। दुकानदारों का कहना है कि परकोटे के सभी बाजारों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सौंदर्यीकरण व रंग-रोगन हो चुका है, लेकिन रामगंज बाजार में अब तक काम शुरू नहीं हुआ। बाजार में ना तो कही हाईमास्ट लाइट लगी हुई है और ना ही कैमरे।

इन समस्याओं का समाधान जरूरी
1. बाजार पूर्णत: अतिक्रमण मुक्त हो
2. यातायात को सुगम बनाने के लिए पार्किंग व्यवस्था में सुधार हो
3. पेयजल की सुचारू व्यवस्था हो
4. महिलाओं व पुरुषों के सुविधाओं का निर्माण हो
5. टूटे पड़े डिवाइडर व रैलिंग की मरम्मत हो
6. बाजर हाई मास्क लाइट व कैमरे लगाए जाए


बरामदों से अतिक्रमण हटे
नगर निगम को बरामदों से अतिक्रमण हटाने के साथ नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए। बाजार में कही भी सुलभ शौचालय नहीं बना हुआ है, सरकार को जगह चिह्नित कर सुविधाएं बनवानी चाहिए जिससे ग्राहकों और दुकानदारों को परेशानी ना हो।
हुकम चंद अग्रवाल, अध्यक्ष, रामगंज व्यापार बाजार मंडल

पार्किंग व्यवस्था सुधरे
बाजार में कैमरे, हाईमास्ट लाइट लगवाने के साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने डस्टबिन रखने तथा पॉलिथीन का उपयोग रोकने के लिए समझाइश होनी चाहिए, जिससे बाजार स्वच्छ हो सके। इसके साथ ही पार्किंग व्यवस्था में भी सुधार किया जाना चाहिए।
गजनफर अली, महामंत्री