scriptचुकानी पड़ सकती है इस आकर्षण की भारी कीमत, फेक आईडीज़ के झांसे में फंस रहे लोग | People trapped in a fake id fraud | Patrika News
जयपुर

चुकानी पड़ सकती है इस आकर्षण की भारी कीमत, फेक आईडीज़ के झांसे में फंस रहे लोग

कुछ दिन पहले देश इस खबर से चौंका था कि रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट हैक हो गई है, गृह मंत्रालय की डाउन हो गई है

जयपुरApr 29, 2018 / 07:56 pm

Kamlesh Sharma

fake id fraud
राजेंद्र शर्मा/जयपुर। कुछ दिन पहले देश इस खबर से चौंका था कि रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट हैक हो गई है, गृह मंत्रालय की डाउन हो गई है, कुछ अन्य मंत्रालयों की साइट पर भी साइबर हमला हुआ है। इसके साथ ही जो अहम बात सामने आई वो थी रक्षा मंत्रालय की साइट पर कुछ चीनी अक्षर नजर आ रहे हैं। यानी चीन के साथ एक तरफ तो दोस्ताना बातचीत चलती है, वहीं दूसरी तरफ कभी डोकलाम, कभी अरुणाचल, कभी साइबर हमला, कभी हिंद महासागर में चीनी युद्धपोतों की तैनाती वही कहानी, जो 1962 के युद्ध के बाद से चली आ रही है, मुंह पर प्रेम और पीठ पर खंजर। कहते हैं न, मुहब्बत और जंग में सब-कुछ जायज है।
युद्ध में हमला सिर्फ बॉर्डर और सेना पर नहीं, बाजार और दिमाग पर भी होता है। जो ऐसा करने में सफल हो जाता है, वह आपसे दूर रहते हुए भी आप पर हुकुमत करता है। चीन भी पिछले कुछ बरसों में ऐसे हर मोर्चे पर हमला कर रहा है। डोकलाम में उलझाकर हिंद महासागर में युद्धपोत तैनात करता है, कैलास-मानसरोवर यात्रा का मार्ग बंद कर अरुणाचल में और जमीन पर कब्जे की कोशिश करता है।
और इन सबसे दीगर, अब नया वार शुरू हुआ है, जो धीमे जहर के रूप में सोशल मीडिया फैंस, खासकर युवा पीढ़ी को टारगेट बनाकर किया जा रहा है और इसका असर भी दिखने लगा है। इसमें न सिर्फ जयपुर या राजस्थान, बल्कि समूचे देश के कोने-कोने के लोग फंसते नजर आ रहे हैं।

बॉर्डर पर उलझाना
चीन हमें किसी न किसी बहाने उलझाए रखने की रणनीति अपना रहा है। डोकलाम तक हाईवे बनाने की खबर आती है और हम सजग होते हैं, तब तक वह हिंद महासागर में युद्धपोत तैनात कर देता है। उस पर ध्यान दें, तभी कैलास-मानसरोवर का मार्ग बंद कर देता है। यानी जल, थल, वायु हर मोर्चे पर करे चाहे कुछ नहीं कोई न कोई शगूफा छोड़ हमें उलझाए रखता है।
ताकि, हम संबंध बेहतर करने में व्यस्त रहें और उसका कोई नया उत्पाद बाजार पर कब्जा जमा ले। उधर, से चीन और इधर से पाकिस्तान हमें बॉर्डर पर उलझाए रखने का काम अंजाम दे रहा है। पाक की तरफ से जितने सीज फायर उल्लंघन पिछले कुछ अरसे में हुए, पहले इतनी तादाद में कभी नहीं हुए।
आर्थिक हमला
आपकी जेब में जो एक रुपए से दस रुपए तक का जो सुंदर पैन लगा है, आपकी जेब में जो मोबाइल रखा है, उसमें जो सिम लगी है, आपने जो चश्मा लगा रखा है, जो की-चेन आपके पास है, घर में जो इस्तरी है, जो एलईडी है, जो कंप्यूटर और लैपटॉप है, बच्चों के जो खिलौने हैं, यहां तक कि नौनिहाल की हगीज़ या दूध-पानी की शिपर या शहद भरी निप्पल है, स्कूल जाते बच्चे का लंच बॉक्स है, तकरीबन सभी वो वस्तुएं जो आप या आपका परिवार चौबीसों घंटे काम में लेता है, वह कहां की है कभी सोचा? नहीं न, यह निर्भरता है जो बढ़ती गई और हमारी दिनचर्या विदेशी या सीधा-सपाट कहें चीनी वस्तुओं पर निर्भर हो गई।
इसमें कसूर आपका है, ऐसा नहीं है, सरकार का है, ऐसा भी नहीं है। यही तो है आर्थिक हमला, जिसमें न कोई हताहत होता है, न गोला-बारूद के धमाके होते हैं, बस चुपचाप आपके घर पर, आपकी दिनचर्या पर हुकुमत हो गई।
नया सोशल मीडिया अटैक
चौंकिए मत, अपना फेसबुक अकाउंट खोलिए, पीपल यू मे नो यानी लोग जिन्हें आप जान सकते हैं या मित्र बना सकते हैं, की सूची पर नजर डालिए, कुछ असामान्य नजर आया! हां, इस सूची में अचानक बढ़ी खूबसूरत अल्पवस्त्रीय चीनी युवतियों के प्रोफाइल फोटो-इंट्रो, जिन्हें देखते ही सीधे उसका प्रोफाइल खोलने को अंगुली मचल उठती है। यह रणनीति प्राचीन काल से चली आ रही है।
शत्रु देश की ताकत उसकी युवा शक्ति होती है और यदि उसे सेक्स और नशे की लत लगा दी जाए तो वह राष्ट्र कमजोर होगा। उस राष्ट्र का युवा आपके ड्रग्स, पॉर्न या अन्य लालचों के जाल में फंसकर पंगु होकर ऐसा अटैक करने वाले राष्ट्र का मानसिक गुलाम-सा बन जाएगा। करीब तीन महीनों से यह अटैक शुरू हुआ है।
चपेट में आ रहे लोग
सोशल मीडिया पर या कहीं भी अश्लील फोटो या पॉर्न वीडियो हर यूजर को आकर्षित करता है, चाहे छिपकर, चाहे खुलकर। और जब यह सुविधा या कहें कुविधा फेसबुक जैसे सरल सुलभ अकाउंट पर उपलब्ध हो रही है तो संयम रखा मुश्किल ही है। हजारों की तादाद में सुंदर अल्पवस्त्रधारी चीनी और वियतनामी बालाओं के प्रोफाइल इन दिनों फेसबुल की ‘पीपल यू मे नो’ की सूची में देखी जा रही है। इन प्रोफाइल में महज एक अश्लील प्रोफाइल फोटो मिलेगा, यानी सिरे से इस अकाउंट को फेक माना जा सकता है, लेकिन अपरिपक्य दिमाग इनसे मित्रता करने का लोभ संवरण नहीं कर पाता। यह अपरिपक्व दिमाग किसी भी उम्र के व्यक्ति का हो सकता है, खासकर स्कूल-कॉलेज के युवा इस आकर्षण से नहीं बच पाते। इन फेक दिखती हजारों आईडी को खोलने पर पता चलता है कि इनकी मित्रता सूची में कई भारतीय जुडऩे लगे हैं। इनमें जहां राजस्थान और जयपुर के कई लोग शामिल हैं, वहीं देश के कोने-कोने के गांव-शहर सभी जगह के लोग जुड़े देखे जा सकते हैं।

पॉर्न वीडियो भी
इन आईडी के साथ एक ही पोस्ट होती है, जो पॉर्न वीडियो की होती है, ताकि युवा या अपरिपक्व दिमाग को लुभाया जा सके और उसे फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेजने को तैयार किया जा सके। और तो और, सैकड़ों आईडी पर एक ही तरह और स्रोत के पॉर्न वीडियो हैं। गौरतलब बात यह है कि इनको रिक्वेस्ट भेजने वाले मूढ़ लोग ‘अबाउटÓ में जाकर आईडी में दिख रही युवती की जानकारी देखने की मशक्कत नहीं करते। इन आईडी के फेक होने का एक सीधा प्रमाण यह है कि युवती की अश्लील फोटो वाली आईडी की डिटेल देखें, तो कइयों के जेंडर में मेल लिखा मिलता है। लगता है, ये आईडी बनाने वाले भी पेड सर्वेंट ही हैं, जो किसी आईटी सेल में काम कर रहे हैं और फेक आईडी बनाने का टारगेट पूरा कर रहे हैं।

लक्ष्य
अब बात यह उठती है कि इन फेक आईडीओं को डालने का लक्ष्य क्या है। दरअसल, लोग जैसे ही इनके मित्र बनेंगे, शनै: शनै: ये इनको मानसिक और शारीरिक रूप से तो पंगु बनाएंगे ही, साथ ही कुछ ही अरसे में कई जानकारियां भी हासिल कर लेंगे और ऐसे लोगों का निजी डेटा भी चुरा लेंगे। यानी मार दोहरी-तिहरी है, इसे समझना होगा और अपने आपको बचाना होगा। इन आईडीज से कोई मित्र जुड़ता है, उसे मीठी-मीठी बातें कर ई-मेल से मैसेज करने को कहा जाता है, ऐसा क्यों, सहज ही समझा जा सकता है।

Hindi News/ Jaipur / चुकानी पड़ सकती है इस आकर्षण की भारी कीमत, फेक आईडीज़ के झांसे में फंस रहे लोग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो