– सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक : पांच हजार से ज्यादा आबादी वाले गांव व म्यूनिसिपल शहर
– सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक : सभी जिला मुख्यालय (संभाग मुख्यालय के सात शहरों को छोड़कर)
कृषि क्षेत्र में बिजली की मांग लगातार जारी रहने के साथ अब मौसम में अचानक आए बदलाव ने बिजली की डिमांड बढ़ा दी है। इस बीच प्रदेश में स्थित 3 प्रमुख विद्युत उत्पादन इकाइयों सूरतगढ, छबड़ा व अडानी पावर की 660-660 मेगावाट की इकाईयों से विद्युत उत्पादन बन्द होने से राज्य में विद्युत की उपलब्धता में करीब 1900 मेगावाट की कमी हो गई है। इधर एक्सचेंज से भी बिजली नहीं मिल पाने से ऊर्जा विभाग के अफसरों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। स्थिति यही रही तो बिजली कटौती का समय व दायरा बढ़ सकता है।
अफसरों की मानें तो बिजली की मांग में बढ़ने से एनर्जी एक्सचेंज में भी बिजली की मांग बढ गई है। पंजाब, तेलंगाना, गुजरात व तमिलनाडु राज्यों द्वारा एनर्जी एक्सचेंज से विद्युत की अधिक खरीद किए जाने से व उत्तर प्रदेश से विद्युत बेचान में कमी के कारण एनर्जी एक्सचेंज से विद्युत की उपलब्धता में काफी कमी हो गई है।