यह है मामला
पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि गांव में मंदिर की भूमि पर आरोपी मवेशियों के लिए छप्पर लगाकर अतिक्रमण कर रहे थे। पुजारी बाबूलाल ने विरोध किया तो आरोपियों ने उन पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मौके पर छप्पर होने के कारण आग तेजी से फैली और पुजारी बाबूलाल बुरी तरह झुलस गए।
गंभीर हालत में उन्हें सपोटरा से जयपुर रैफर किया गया। वहां गुरुवार शाम उनकी मौत हो गई। मौत से पहले पुजारी ने पुलिस को बयान दर्ज कराए, जिनके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को देर रात गिरफ्तार कर लिया जबकि शंकर मीणा, नमो मीणा, रामलखन मीणा आदि को तलाश रही है।
पंचायत की बात भी नहीं मानी
मंदिर की भूमि पर कब्जे को लेकर लम्बे समय से विवाद चल रहा था। ग्रामीणों ने पंचायत बुलाकर अतिक्रमियों को कब्जा हटाने और आइंदा कब्जा नहीं करने के लिए पाबंद किया था लेकिन अतिक्रमियों ने बात नहीं मानी। वे छप्पर डालकर कब्जा पुख्ता कर रहे थे।
मांगों पर अड़े, अंतिम संस्कार करने से किया मना
शव देर शाम जयपुर से बूकना पहुंचा तो परिजनों ने मांगें पूरी नहीं होने तक अंत्येष्टि करने से मना कर दिया। मृतक के पुत्र को सरकारी नौकरी व परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने, सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करने, सभी सरकारी योजनाओं का लाभ देने, सभी आरोपियों की गिरफ्तारी करने की मांग रखी। इससे पहले जयपुर में परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया। समझाइश के बाद शव गांव लाए।
मुआवजे, सरकारी नौकरी की मांग
मामले में ब्राह्मण समाज सहित अन्य संगठनों ने कई जगह प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे। इनमें मृतक के परिजनों को मुआवजा व सरकारी नौकरी देने, सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। आक्रोश के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारी भी बूकना गांव पहुंचे और मृतक के परिजनों से मिले। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक मंदिर में सेवा-पूजा और मंदिर की जमीन पर खेती कर परिवार पाल रहा था। एक पुत्र मानसिक रूप से कमजोर है। अब परिवार के समक्ष भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है।
पुलिस की बड़ी लापरवाही
पीड़ित परिवार कई दिन से क्षेत्र के राजस्व अधिकारियों से शिकायत कर रहा था लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पुजारी को गम्भीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया तो कुछ युवकों ने वीडियो वायरल कर दिया। इस पर पुलिस हरकत में आई और अस्पताल पहुंची। पीडि़त पक्ष ने आरोपियों के नाम बताए तो भी पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की और आरोपी फरार हो गए। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की संवेदनहीनता भी सामने आ रही है। घटना के तीन दिन बाद भी कलक्टर व एसपी मौके पर नहीं पहुंचे।
कानून-व्यवस्था बेलगाम: किरोड़ी
यह वीभत्स घटना राजस्थान में बेलगाम होती कानून-व्यवस्था का एक और स्याह उदाहरण है। सरकार तुरन्त कार्रवाई करे। ऐसी घटना को अंजाम देने वालों की कोई जाति नहीं होती। पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता, एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
– किरोड़ीलाल मीणा, सांसद
दोषियों को बख्शेंगे नहीं: मुख्यमंत्री:
इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर पुजारी बाबूलाल वैष्णव की हत्या को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा, सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है। प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जांच-कार्रवाई जारी है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।