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Nwr: ट्रेनों में ‘नो रूम’ के हालात, स्पेशल ट्रेनों से भी नहीं राहत,कंफर्म सीट की नहीं गारंटी

ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेनों में कंफर्म टिकट की बजाय वेटिंग टिकट ही मिल रहा है। लगातार ऐसे हालात देखे जा रहे हैं। वहीं कुछ ट्रेनों में तो अभी से नो रूम की स्थिति बनने लगी है।

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Railway: मई-जून के महीने में समर वैकेशन के दौरान उत्तर पश्चिम रेलवे ट्रेनों में बढ़ रही भीड़ के मद्देनजर स्पेशल ट्रेनें दौड़ा रहा है और अतिरिक्त कोच भी जोड़ रहा है। इसके बावजूद भी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। अभी ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेनों में कंफर्म टिकट की बजाय वेटिंग टिकट ही मिल रहा है। लगातार ऐसे हालात देखे जा रहे हैं। वहीं कुछ ट्रेनों में तो अभी से नो रूम की स्थिति बनने लगी है।

दरअसल गर्मी की छुट्टियों व शादी के सीजन के कारण जयपुर, अजमेर, जोधपुर समेत अन्य शहरों से संचालित होने वाली ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेनें फुल दौड़ रही हैं। इनमें कंफर्म टिकट को लेकर मारामारी चल रही है। इसे देखते हुए मुंबई, बांद्रा, कोलकाता, पुणे, कानपुर, हावड़ा समेत कई प्रमुख शहरों के लिए रेलवे प्रशासन स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। साथ ही कई ट्रेनों में एक से डेढ़ महीने तक विभिन्न श्रेणी के कोच भी जोड़े गए हैं। इसके बावजूद यात्रियों को कंफर्म सीट नहीं मिल रही है।

इस लिए भी बढ़ रहा यात्री दबाव

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि उत्तर-पश्चिम रेलवे समेत देश के कई जोनल रेलवे में स्टेशन री-डवलपमेंट, तकनीकी कार्य, ट्रैक दोहरीकरण, सिग्नल सुधार और मेंटेनेंस का कार्य चल रहा है। इन कारणों से रोजाना कई ट्रेनें रद्द हो रही हैं या फिर उनके मार्ग बदले जा रहे हैं। नतीजतन वैकल्पिक ट्रेनों में यात्रियों का दबाव अधिक बढ़ रहा है।

यात्री बोले- रद्द करना पड़ रहा प्लान

मामले में रेलवे को तकनीकी कार्यों के कारण समय-सारणी यात्रियों के अनुकूल बनानी चाहिए, ताकि पीक सीजन में उन्हें राहत मिल सके। गर्मी की छुट्टी में लोगों का घूमने का प्लान पहले से तय हो जाता है। इस बीच यदि ट्रेन रद्द हो जाती है तो यात्रियों को दिक्कतें होती हैं। यात्रियों का कहना है कि उन्हें प्लान रद्द करना पड़ रहा है।

तत्काल कोटे में भी राहत नहीं

जो ट्रेनें रद्द हो रही हैं, उनके यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेनों में तत्काल कोटे में भी बुकिंग करने पर परेशानी से जूझना पड़ रहा है। तत्काल कोटे में चंद मिनट में टिकट की बुकिंग फुल हो जाती है। ठंडे व पहाड़ी इलाकों में आने-जाने वाली ट्रेनों में ऐसी स्थिति ज्यादा देखी जा रही है। जयपुर से जाने ही नहीं, आने में भी कंफर्म टिकट का टोटा देखा जा रहा है।

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