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वर्ल्ड हेरिटेज सिटी: पुरा वैभव के संरक्षण की आस अधूरी, मेट्रो सी गति के साथ विकास जरूरी

Rajasthan Assembly Election 2023: जयपुर स्थापत्य कला के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। समृद्ध भवन निर्माण परंपरा, सरस संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व को समेटे इस शहर के उत्तर-पश्चिम ओर नाहरगढ़ दुर्ग मुकुट के समान खड़ा है।

जयपुरJul 26, 2023 / 08:46 am

Sandeep Purohit

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संदीप पुरोहित/जयपुर

Rajasthan Assembly Election 2023 जयपुर स्थापत्य कला के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। समृद्ध भवन निर्माण परंपरा, सरस संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व को समेटे इस शहर के उत्तर-पश्चिम ओर नाहरगढ़ दुर्ग मुकुट के समान खड़ा है। यूनस्को ने पुराने जयपुर शहर को वल्र्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा दिया है। इसका अधिकांश हिस्सा हवामहल और किशनपोल विधानसभा में है।गुलाबी शहर देश के गोल्डन ट्रायएंगल में है। आठ दरवाजों में अजमेरी प्रमुख गेट है। इससे जब हम अंदर घुसे तो वहीं से हमें प्राचीन धरोहर की हो रही अनदेखी नजर आना शुरू हो गया। जगह-जगह बेतरतीब खड़े ई-रिक्शा, रेंगता हुआ ट्रैफिक किशनपोल बाजार की बड़ी समस्या है। जयपुर के बाजार उसकी शान हैं, जिसकी बिल्डिंग लाइन तो स्टेट टाइम से एक ही थी। अब अतिक्रमण की एक नई लाइन बन गई है। दुकानदारों ने बरामदे और ठेले वालों ने सडक़ पर कब्जा कर रखा है। किशनपोल बाजार में व्यापारी रामलाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी ने हमारी और ज्यादा दुर्दशा कर दी।


छोटी चौपड़ पर पहुंचे तो खुशबू महक रही थी। यहां फूल और मालाएं बेच रहे दुकानदारों को रामलीला मैदान के सामने जगह दी गई, पर ये गए नहीं। फूलमाला बेच रहे दुर्गा लाल सैनी ने कहा… न्यू गेट पर माल कोनी बिके, मंदिर अंडे ही छै। गणगौरी बाजार में नीचे उतरे तो चौगान में बनी पार्किंग की दुर्दशा देखी। आगे चले तो दीनदयाल अस्पताल से लेकर ताजीमी सरदार पुरोहित प्रताप नारायणजी की हवेली और लंगर के बालाजी तक सडक़ जाम मिली। जैसे-तैसे ब्रह्मपुरी पौंड्रिक पार्क पहुंचे। इसमें कुछ बच्चे खेल रहे थे और बुजुर्ग बैठे हुए बतिया रहे थे। इनसे सरकारी योजनाओं के बारे में बात की तो नाथूलाल शर्मा ने कहा, स्वास्थ्य की योजना अच्छी है। महंगाई तो कम होने वाली है नहीं। यहां से आगे बढ़े तो भगवान गोविंद देवजी के मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ था। यहां दर्शन करने आई नैना सिंह ने कहा कि जयपुर पर गोविंद की कृपा है।

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थोड़ा आगे चलने पर सिटी पैलेस के पास दुकानदारों से बात की। उनका कहना था कि जयपुर वल्र्ड हैरिटेज सिटी है। पर्यटक परकोटे के भीतर बसे शहर को देखने आते हैं। सरकार को यहीं फोकस करना चाहिए तभी पर्यटन उद्योग बढ़ेगा। हैरिटेज सिटी बच गई तो बाकी सिटी अपने आप स्मार्ट हो जाएगी। सिटी पैलेस के पास के इलाके में विदेशी पर्यटक घूमते मिले। हवामहल के साथ देशी-विदेशी पर्यटक सेल्फी ले रहे थे, पर भारी ट्रैफिक और भीड़़ उनके आनंद को कम कर रहा था। परकोटे में सबसे बड़ा सोपान जयपुर मेट्रो है।

मेट्रो से उतरे जितेंद्र कुमावत ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की यह अच्छी पहल है। रामगंज बाजार में अतिक्रमण का चरम स्वरूप देखने को मिला। ऐसा लगा यहां कोई सरकारी एजेंसी काम ही नहीं करती। यहां से ऋषि गालव की तपोभूमि गलताजी पहुंचे। यह महातीर्थ अब अपना पुरावैभव खोता जा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए भी सुविधाओं का अभाव है। पास ही में स्थित अनाजमंडी पहुंचा। वहां व्यापारियों की सरकारी योजनाओं में कोई दिलचस्पी नहीं दिखी, वे मंडी के ट्रांसपोर्ट सिस्टम से परेशान दिखे। यहां घाट की घूणी के नीचे उतरे। घूणी के दूसरी ओर टनल बन गया है। यह सब आदर्शनगर विधानसभा क्षेत्र में है। यहां विरासत का अनूठा नजारा दिखता है। सिसोदिया रानी का बाग और जयपुर के मुख्य वास्तुकार विद्याधर के नाम से बना यह बाग बेहद अनूठा है। पुराने मिनर्वा सिनेमा के पास से हम मोती डूंगरी रोड पर आए वहां भी अतिक्रमण का जाल नजर आया। तीनों विधानसभा क्ष़ेत्र में अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या दिखाई दी।

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