
लोकसभा चुनाव में पांच विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद राजस्थान की 5 विधानसभा सीटों पर संभवत नंबवर में उपचुनाव होने है। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। कांग्रेस के बाद भाजपा ने सोमवार को इन पांचों विधानसभा सीटों पर चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस सत्ता या विपक्ष में रहे, उसका पलड़ा हमेशा भारी रहा है। इस बार राज्य व केंद्र दोनों भाजपा की सरकार है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा उपचुनाव में क्या कर दिखाती है?
राजस्थान में लोकसभा की सभी 25 सीटों में से इस बार 7 विधायकों ने दावेदारी पेश की। जिसमें से 5 विधायकों ने दिल्ली तक का रास्ता नापा। राजस्थान में जिन पांच सीटों पर उपचुनाव होना है, वो सभी कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के पास थी। झुंझुनूं से बृजेन्द्र सिंह ओला के सांसद बनने से झुंझुनूं सीट, दौसा से सांसद मुरारीलाल मीणा सांसद बनने से दौसा सीट, टोंक से हरीश मीणा के सांसद बनने से देवली-उनियारा सीट, नागौर से हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने से खींवसर सीट और बांसवाड़ा से राजकुमार रोत के सांसद बनने से चौरासी सीट पर उपचुनाव होने है।
ऐसे में इन सीटों पर कांग्रेस खेमा इस समय तो मजबूत नजर आ रहा है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले 10 सालों में विधानसभा की 20 और लोकसभा की दो सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। दो लोकसभा सहित 14 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि भाजपा ने चार, रालोपा ने एक और बीएपी ने एक सीट जीती।
भाजपा के सत्ता में आने के बाद साल 2024 में श्रीकरणपुर सीट पर हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत के चलते उस सीट पर उपचुनाव हुए थे। वहीं, हाल ही में बागीदौरा उपचुनाव में कांग्रेस गठबंधन की सहयोगी भारत आदिवासी पार्टी ने जीत दर्ज की है।
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। जिनमें से 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने मंडावा, सुजानगढ़, सरदारशहर, सहाड़ा, धरियावद, वल्लभनगर और रामगढ़ सीट जीती थी। भाजपा ने राजसमंद और आरएलपी ने खींवसर सीट पर उपचुनाव जीता था।
वहीं साल 2014 लेकर 2018 तक मोदी लहर के बावजूद भी नसीराबाद, वैर, सूरतगढ़ और मांडलगढ़ सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की जबकि भाजपा के खाते में धौलपुर और कोटा दक्षिण सीट की आ पाई थी। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विधानसभा की 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
वहीं साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया, लेकिन कांग्रेस ने 2018 में अजमेर और अलवर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की थी।
Updated on:
02 Jul 2024 04:17 pm
Published on:
02 Jul 2024 03:05 pm
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