राजस्थान में 8 मौतें
प्रदेश में बुधवार को भी हीटवेव से मौतें हुई। नागौर के बासनी में लू लगने से जिला परिषद सदस्य नूरजहां बानों की मौत हो गई। झालावाड़ के मनोहरथाना में डेढ़ वर्षीय बालिका की मौत हो गई। अलवर, बूंदी में एक-एक, सीकर में दो लोगों ने दम तोड़ दिया। टॉक के मोर गांव में खेत पर बकरियां चराने गई सोहनी देवी की मौत हो गई। देवली में 40 वर्षीय युवक ठेले पर अचेत मिला। अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया। उधर चिकित्सा विभाग के अनुसार प्रदेश में बुधवार तक हीट स्ट्रोक से 4 ही मौतें हुई हैं। 24 घंटे में हीट स्ट्रोक के 451 नए मरीज आए।
आगे भयावह हो सकते हैं हालात
भीषण गर्मी का दौर राज्य में आने वाले समय में और भयावह हो सकता है। दिल्ली में 52 डिग्री से अधिक और इससे पहले चूरू में पारा 50 डिग्री पार जाने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। बड़े शहरों में सीमेंट-कंक्रीट का जाल बिछने के साथ ही विशाल इमारतें हर जगह बन गई है। तेजी से बढ़ते कल-कारखानों के साथ ही वाहनों की संख्या बढ़ने से प्रदूषण बढ़ रहा है। विकास के नाम पर हरियाली तेजी से कम हो रही है। हरी घास घर में लगाई जाए तो इससे धूप की रोशनी भी ठंडक में बदल जाती है। इसकी तासीर बहुत ठंडी होती है। इससे बाहर से आने वाली आवाज भी 10 डेसीबल तक रुक जाती है। इससे हम पर्यावरण को आसानी से बचा सकते हैं। घास यानी दुर्वा के कई औषधीय और धार्मिक फायदे भी हैं। कोई भी व्यक्ति अपने घर के आस-पास कम से कम 80 वर्ग फीट पर घास लगाए या पौधे रखे तो एसी की जरूरत नहीं पड़ेगी और ध्वनि प्रदूषण को भी आसानी से रोक पाएंगे। – थी. एस. बृजवासी पर्यावरणविद